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ठाणे के घोडबंदर में अपने ही पुरे परिवार का हत्यारा हसनैन अपनी बहनों से करता था अश्लील हरकत !

मुंबई:= ठाणे के घोडबंदर में अपने ही परिवार के 14 सदस्यों की नृशंस हत्या करने के बाद आत्महत्या करने वाले हसनैन वारेकर को लेकर नया मामला सामने आया है .कातिल की बहन सुबिया भरमल ने इस मामले को लेकर कई खुलासे किए हैं। सुबिया वो शख्स है जिसने अपने भाई द्वारा  अपने सभी घर वालों को मौत के घाट उतारते देखा था।

सुबिया ने उस रात को जो कुछ देखा, उसने उस रात के बारे में पुलिस को जो कुछ बताया वह दिल दहला देने वाला है। उसने बताया कि बाहरी दुनिया के नजरों में हसनैन समझदार और शांत व्यक्ति था, लेकिन घर की चारदीवारी के भीतर वो राक्षस बन जाता था। वारदात की रात हसनैन ने सभी बहनों को ये कहकर खाने पर बुलाया कि लंबे अरसे से पूरे परिवार ने साथ वक्त नहीं बिताया है, इसलिए उसने घर पर दावत रखी है।

इसके बाद हसनैन खुद सुबिया को लेने के लिए उसके ससुराल गया। उस रात हसनैन के घर पर कुल 15 लोग थे, जिसमें 7 बच्चे (जो हसनैन और उनकी बहनों के थे), 6 महिलाएं (जिनमें हसनैन की पत्नी, बहनें और मां थीं) और 2 पुरुष (जिनमें खुद हसनैन और उसके पिता थे)।

सुबिया के मुताबिक, उस रात खुद हसनैन ने अपने हाथों से खाना बनाया था। खाना खाने के बाद एक एक कर सबको नींद आने लगी, कुछ ही देर बाद सभी बहनें, उनके बच्चे और माता- पिता ग्राउंड फ्लोर पर ही सो गए, जबकि हसनैन अपनी पत्नी के साथ पहले माले के अपने कमरे में चला गया। उसके बाद सुबह करीब तीन- साढे तीन बजे सुबिया की आंखे खुल गई। सुबिया को अहसास हुआ की उसके गले में काफी दर्द हो रहा था। जब उसने गले को हाथ लगाया तो खून देख कर हैरान हो गई और इसके बाद जो मंजर सुबिया ने बयां किया उसे सुनकर पुलिस के भी रौंगटे खडे हो गए।

सुबिया के मुताबिक उसने किसी की एक ना सुनी और मां का गला चीर दिया। मैं किसी तरह उठी और घर के मुख्य दरवाजे की तरफ भागी, लेकिन दरवाजा लॉक था और घर के सभी दरवाजे बंद थे। शायद हसनैन ने भागने के सभी रास्ते पहले ही बंद कर दिए थे। हसनैन मेरे पास आया और मुझ पर हमला करना शुरू कर दिया, उसने मुझे जमीन पर ढकेल दिया। मेरे चेहरे पर मेरी बहनों के खून के छींटे आ गिरे और मुझे याद नहीं है कि मैं किसकी डेडबॉडी पर गिरी थी। मुझे मां की दर्द से कराहने की आवाजें सुनाई नहीं दे रही थीं। हसनैन फिर मेरी तरफ बढा और मेरा हाथ पकड कर दूसरे कमरे में ले गया… उसने मुझसे कहा कि वो मुझे सबसे आखिर में मारेगा क्योंकि मैं मां की सबसे लाडली बेटी थी, उसी वक्त हसनैन ने कहा था कि सबको मारने के बाद वो भी खुदकुशी कर लेगा।

वारदात में घायल सुबिया अस्पताल के बिस्तर पर भी उस मंजर को भूल नहीं पाई। उसने पुलिस को बताया कि इसके बाद मैंने हसनैन का ध्यान भटकाने के लिए कहा कि हमारी बहन की छोटी बेटी सादिया तड़प रही है। उसकी मदद करो, जैसे ही हसनैन सादिया की तरफ घूमा, मैंने हसनैन को धक्का दे दिया और कमरा लॉक कर लिया।  हसनैन इसके बाद भी नहीं रुका और वो तलवार से बचे हुए लोगों पर वार कर रहा था। मैंने खिड़की खोलकर आसपास वालों को मदद के लिए आवाज लगाई, कुछ देर बाद आसपास के लोग जमा हुए और उन्होंने खिड़की का ग्रिल तोड़कर मुझे बाहर निकाला । भाई तब तक कमरे के भीतर तलवार लेकर लाशों पर चल रहा था। इसके बाद क्या हुआ मुझे याद नहीं।

सभी बहनों से करता था अश्लील हरकतें !

संयुक्त पुलिस आयुक्त आशुतोष दुमब्रे ने कहा कि सुबिया के बयान से ये भी पता चला है कि हसनैन अपनी दिव्यांग बहन का शारीरिक शोषण करता था, बीते कई साल से वह ऐसा कर रहा था। इसी साल फरवरी में पीड़ित ने दूसरी बहनों को यह बात बताई थी। इसके खिलाफ बोलने पर हसनैन ने बहनों को जान से मारने की धमकी दी थी। सुबिया का दावा है कि मां हसनैन से ज्यादा प्यार बेटियों से करती थीं और  यह बात हसनैन को चुभती थी.

पोल खुलने पर दी हत्या की धमकी

सुबिया ने पुलिस से कहा कि उसकी  अन्य बहनों ने इस पर बातचीत की और इसकी जानकारी हसनैन को हो गई थी और संभवत: उसने इस वजह से सबकी हत्या कर दी। घटना के दौरान सुबिया ने सुना था कि उनकी मां हसनैन से उसकी जान नहीं लेने की गुहार लगा रही थी। सुबिया ने अपने को एक कमरे में बंद कर लिया था और हसनैन ने उससे कहा था कि अगर उसने दरवाजा नहीं खोला तो वह उसके बच्चे को मार देगा और उसने बच्चे की हत्या कर भी दी। हालांकि उसे अभी तक यह जानकारी नहीं दी गई है कि हादसे में उसका बेटा भी मर चुका है।

हसनैन पर 67 लाख रुपए का था कर्ज.

दुमब्रे ने उन रिपोटर्स की भी पुष्टि की कि हसनैन पिछले दो साल से बेरोजगार था और वह अपने रिश्तेदारों से पैसे उधार लेता था और उस पर 67 लाख रुपए का कर्ज हो गया था। हसनैन शेयर के कारोबार से भी जुड़ा था। पुलिस यह पता लगा रही है कि क्या उसे शेयर कारोबार में गहरा नुकसान हुआ था।

वारदात से कुछ माह पहले किराए पर लिया था एक कमरा.

पुलिस को यह भी पता चला है कि हसनैन ने वारदात से कुछ माह पहले माजावाड़ा इलाके में किराए पर एक कमरा लिया था लेकिन अभी यह जानकारी नहीं मिली है कि उसने कमरा क्यों किराए पर लिया था। उसके मकान की तलाशी के दौरान मनोवैज्ञानिक बीमारी की कुछ दवाएं बरामद हुई थीं। पुलिस का कहना है कि इन दवाओं से हसनैन की नरसंहार से पहले की मानसिकता का पता चल सकता है। पुलिस उस फर्मासिस्ट का पता लगाने का प्रयास कर रही है जहां से ये दवाएं ली गईं। यह भी पता लगाया जा रहा है कि कहीं हसनैन स्प्लिट पर्सनैलिटी की समस्या से ग्रस्त तो नहीं था जिसके चलते उसने इस घटना को अंजाम दिया।

 

हसनैन को थी ये विचित्र बीमारी 

हसनैन वारेकर एक ऐसी बीमारी से पीडि़त था जिसमें आदमी कुछ भी कर सकता है। क्योंकि इस बीमारी में रोगी अंधविश्वासी हो जाता है। केवल ईश्वर को देखता ही नहीं बल्कि उनसे बातचीत भी करता है और कई बार उनके आदेशों को मानकर किसी व्यक्ति की बलि भी दे सकता है। हसनैन वारेकर को स्किजोफ्रीनिया् नाम की बीमारी थी। इस मामले की जांच के दौरान पुलिस को हसनैन के कमरे में दराज से इस बीमारी में खाई जाने वाली दवाइयां मिली हैं। पुलिस का मानना है कि ऐसी दवाएं किसी भी मेडिकल स्टोर से ऐसे ही नहीं मिल सकती है और इसके लिए मरीज के पास डॉक्टर का पर्चा होना जरूरी है।

ग्रेजुएट था हसनैन.

हसनैन कॉमर्स में स्नातक था और नवी मुंबई स्थित एक सीए फर्म में आयकर संबंधी दस्तावेज तैयार करता था और उसके पास कोई स्थायी नौकरी नहीं थी। उसने 28 फरवरी को सुबह अपनी पत्नी, बच्चों, अभिभावकों और तीन बहनों तथा उनके बच्चों की हत्या कर दी थी। उसकी एक बहन सुबिया बरमार (22) इस हमले में बच गई। वह इस घटना की एकमात्र गवाह हैं। हसनैन का परिवार ठाणे के बाहरी इलाके में कासरवाड़ावली में रहता था।

इस घटना की जाँच कर रही पुलिस भी मानती है कि उन्होंने आजतक इतनी हैवानियत कभी नहीं देखी.

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