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बोईसर में महिला ने मांगी इच्छामृत्यु , पति की प्रताड़ना से है तंग .

केशव भूमि नेटवर्क := कहते है शादी एक ऐसा बंधन होता है जिसमे बधने के पहले पति पत्नी सात जन्म साथ रहने और एक दुसरे के लिए जीने मरने की कसमे खाते है लेकिन जब वही पति अपने पत्नी पर अत्याचार करने लगे तो वह महिला कंहा जाए , खास कर तब जब उसका मायका आर्थिक स्तिथ से जूझ रहा हो . इसी पारकर की एक घटना मुंबई से सटे पालघर जिला के बोईसर में सामने आई है .सरोज रामप्रताप विश्वकर्मा नामक महिला पति की प्रताड़ना से है तंग आकर  न्याय के लिए भटकने को मजबूर है .न्याय नहीं मिलता देख इस महिला ने इच्छामृत्यु की मांग की है ,  

कहते है मुझे अपनों ने लुटा गैरो में कहा दम था ,मेरी कस्ती  थी डूबी वहा , जंहा पानी कम था.

    यह लाईने इस महिला पर फिट बैठती है. 

सरोज विश्वकर्मा उत्तर प्रदेश के तालुका तेतरी जिला सिद्धार्थ नगर की रहने वाली है , और पति बोईसर में एक दवाखाना चलाता है और उसके बाकि के परिवार फर्नीचर का काम करते है .वही पीड़ित महिला का कहना है की 2001 में रामप्रताप विश्वकर्मा के साथ मेरी शादी हुयी थी. उस समय हम दोनों का परिवार इस शादी से काफी खुश था , लेकिन इस रिश्ते को उस समय ग्रहण लग गया जब शादी के बाद मेरे पति डॉक्टर की पढ़ाई करने निकले और उसी दरमियान कुछ महीनो के बाद मेरी सास का देहांत हो गया . डॉक्टर की पढ़ाई करने के बाद जब वह बाहर निकले तो उन्होंने अस्पताल बनाने के लिए 10 लाख रूपये का डिमांड किया, लेकिन मेरे माँ-बाप की माली हालत बहुत ख़राब होने के कारण वह यह पैसा देने में मै असमर्थ रही .जिसके बाद से मेरे  पति मुझसे नफरत करने लगे . कई बार तो उन्होंने मेरे साथ अनैसर्गिक शारीरिक संबंध बनाने की  कोशिश की . मै कभी माँ नहीं बनू इसके लिये मुझे हमेशा गर्भनिरोधक दवाईया भी खिलाते थे ,

साथ ही वह किसी अमिर लड़की से शादी करना चाहते थे जो दहेज़ में ढेर सारा पैसा लेकर आये जिसके लिए वह अपने भाईयो और अपने परिवार के साथ मिलकर मुझे मारते पिटते और तरह तरह की यातनाए देने लगे . कई बार तो उनके भाईयो ने मेरे साथ जबरदस्ती सम्बन्ध बनाने की कोशिश की . ताकि मै घर छोड़ कर भाग जाऊ , लेकिन जब मैंने घर नहीं छोड़ा तो मुझे वह लोग जबरदस्ती गाँव छोड़ कर चले आये थे . जिसके बाद मैने न्याय पाने के लिए  कानून का दरवाजा भी खटखटाया . लेकिन मेरी कंही सुनवाई नहीं हुई . मेरी आर्थिक स्तिथ एकदम कमजोर होने कारण क़ानूनी लड़ाई लड़ने में भी मै असमर्थ साबित होने लगी।

जिसके बाद मै फिर बोईसर आकर रहने लगी . मेरे पति और उनके भाई  फिर से मुझ पर वही अत्याचार करने लगे . जिसके लिए हमने कई बार बोईसर पुलिस स्टेशन में शिकायत करने की कोशिश की . लेकिन हमारा कोई नहीं सुनता . न्याय नहीं मिलाता देख इस महिला ने शासन को एक पत्र लिख कर इच्छा मृत्यु की मांग की है उसका कहना है घुट घुट के मरने से अच्छा हैं एक बार में ही मर जाना .

इस घटना की जानकारी मिलते ही आखिर में इस महिला को न्याय दिलाने के राष्ट्रिय मानवाधिकार एवम माहिला न्याय आयोग नामक एक संस्था अध्यक्ष प्रभाकर राउल ,महिला अध्यक्ष सीमा करोतिया व संस्था के अन्य पदाधिकारियों ने इस महिला की मद्दत व उसे न्याय दिलाने के लिए मद्दत का हाथ बढाया उसके बाद बोईसर ने इस महिला के साथ जबरदस्ती शारीर सम्बन्ध बनाने की कोशिश करने का मामला दर्ज किया है ,

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