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हेड कांस्टेबल से दरोगा बने दरोगाओ को हाईकोर्ट में चुनौती

इलाहाबाद, =  हेड कांस्टेबल से दरोगा बने 2193 दरोगाओ की चयन लिस्ट को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। कहा गया है कि पुलिस भर्ती बोर्ड व डीआईजी स्थापना ने दरोगाओं की नयी सूची जारी कर भारी अनियमितता की है।

भगवान स्वरूप व 48 अन्य हेड कांस्टेबल ने याचिका दायर कर कहा है कि पूरे यूपी में 3822 हेड कांस्टेबलों की सीनियॉरिटी लिस्ट जारी की गई। इस वरीष्ठता सूची मे सभी याची हेड कांस्टेबलों का नाम सबसे ऊपर था। कहा यह भी गया था कि सीनीयॉरिटी में ऊपर होने के कारण उन्हें 3.2 किमी की 35 मिनट की रेस मे बुलाया गया। याचीगण समेत 2900 हेड कांस्टेबल फिजिकल टेस्ट मे पास भी हो गए। इसके बाद डीआईजी स्थापना पुलिस मुख्यालय ने 3822 कुल हेड कांस्टेबल में से 2193 जूनियर हेड कांस्टेबल को दरोगा पद पर चयनित कर दिया। जबकि याचीगण वरीष्ठता सूची में उनसे सीनियर हैं। याची हेड कांस्टेबल के अधिवक्ता विजय गौतम का तर्क था कि याचीगण दरोगा पद पर चयनित होने की सारी योग्यता पूरी कर रहे हैं।

नियमानुसार तीन साल से ज्यादा उनकी संतोषजनक सेवा भी है। तर्क यह भी था कि भर्ती बोर्ड ने सीनियर को अयोग्य कर जूनियर को दरोगा बनाने का कोई कारण स्पष्ट नही किया है। याचिका मे भेदभाव करने व पक्षपात का भी आरोप है। जस्टिस सुनीता अग्रवाल ने विपक्षी अधिकारियों से पूछा है कि वह चार सप्ताह मे जवाब दे कि दरोगाओं की प्रदोन्नति में योग्यता को दर किनार करने का क्या कारण है। कोर्ट इस याचिका पर छह सप्ताह बाद सुनवाई करेगी।

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