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अब सरकारी डाॅक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर कसेगा शिकंजा

Uttar Pradesh.मेरठ, 19 अप्रैल (हि.स.)। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकारी डाॅक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर बंदिश के आदेश पर अमल शुरू हो गया है। शासन ने सभी सरकारी डाॅक्टरों से एक प्रोफाॅर्मा भरकर भेजने को कहा है। जिसमें प्राइवेट प्रैक्टिस के साथ ही आय-संपत्ति का ब्यौरा भी मांगा गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश के सभी सरकारी डाॅक्टरों से उनकी आय-व्यय और प्राइवेट प्रैक्टिस करने का ब्यौरा मांगा गया है। इसका परफाॅर्मा महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा, महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी मेडिकल काॅलेज के प्रिंसिपल, सभी सीएमओ, सभी जिला अस्पतालों के सीएमएस व एसआईसी को भेज दिया है।

इस प्रोफाॅर्मा में डाॅक्टरों को होने वाली आय-व्यय और उनकी संपत्ति का ब्यौरा दर्ज होगा। यह प्रोफाॅर्मा डाॅक्टरों की इनकम और उनके प्राइवेट प्रैक्टिस से होने वाली आय का आकलन करने में सहायक होगा। इस परफाॅर्मा को नहीं भरने वाले सरकारी डाॅक्टरों के खिलाफ शासन स्तर से कार्रवाई की जाएगी। मेडिकल काॅलेज के प्रिंसिपल डाॅ. केके गुप्ता का कहना है कि मेडिकल के अधिकांश डाॅक्टरों ने यह परफाॅर्मा भरकर भेज दिया है। जिन डाॅक्टरों ने अभी तक प्रोफाॅर्मा नहीं भरा है, उनका ब्यौरा शासन को भेज दिया गया है।

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