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अब स्वीपिंग मशीन से चकाचक होंगी पटना की सड़कें, ये है तैयारी

पटना, सनाउल हक़ चंचल-

पटना: राजधानी की सड़कों की सफाई इंदौर के तर्ज पर स्वीपिंग मशीन से होगी. पहले एक मशीन किराए पर मंगाई जाएगी. यदि प्रयोग सफल रहा तो और मशीनें मंगाई जाएंगी. स्वीपिंग मशीन से सड़क की सफाई के साथ धुलाई भी करेगी. पटना नगर निगम के सशक्त स्थायी समिति की बैठक में यह प्रस्ताव आया. अगली बैठक में विस्तृत संलेख के साथ प्रस्ताव लाकर एक स्वीपिंग मशीन भाड़े पर मंगाने की सहमती बनी.

बैठक की अध्यक्षता महापौर सीता साहू ने की. नगर आयुक्त अभिषेक सिंह, उप महापौर विनय कुमार सहित स्थायी सशक्त समिति के सभी सदस्य मौजूद थे. मौर्यालोक स्थित दुकानों के किराए में वृद्धि करने का फैसला लिया गया. मैनहोल की सफाई के क्रम में मरने वाले दो सफाई कर्मियों के परिजनों को साढ़े चार-साढ़े चार लाख देने का फैसला लिया गया.

सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि दस-दस लाख रुपये मुआवजा देना है. अपने पति को खोने वाली गुड़िया देवी को दैनिक मजदूर के रुप में कार्य लेने का भी फैसला लिया गया. उसे 5.50 लाख रुपये पहले मिल चुके हैं. कंकड़बाग स्थित वार्ड संख्या 44 में स्थित पार्क का नामकरण स्वामी विवेकानंद करने के प्रस्ताव को पारित कर दिया गया. एक शर्त लगा दी गई कि स्थानीय वार्ड पार्षद की सहमति ली जाए. पार्षद सहमत हैं तो पार्क का नाम स्वामी विवेकानंद कर दिया जाए.

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कांप्लेक्स में लगेगी आदमकद प्रतिमा : मौर्यलोक काम्पलेक्स में पूर्व महापौर केएन सहाय की आदमकद प्रतिमा लगाने के संबंध में पूर्ण आलेख के साथ अगली बैठक में लाने का फैसला लिया गया. मौर्यलोक कांप्लेक्स की दुकानों के किराए में वृद्धि का फैसला. भू संपदा पदाधिकारी और विधि पदाधिकारी आपस में मिलकर दर निर्धारित करेंगे. अगली बैठक में दर निर्धारण पर मुहर लग जाएगी.

शुल्क में कितनी बढ़ोतरी होगी अभी इस पर निर्णय नहीं लिया गया है. विधि पदाधिकारी से राय लेकर भूसंपदा पदाधिकारी इसका संलेख अगली बैठक में लाएंगे. इसके बाद दर निर्धारण होगा. मौर्यालोक परिसर के भूतल और प्रथम तल पर स्थित दुकानों का क्षेत्रफल 117036 वर्गफीट है, रखरखाव का शुल्क 0.52 पैसे की दर से लिया जा रहा है। इससे 60,858 प्राप्त होते हैं। कार्यालय का क्षेत्रफल 113571 वर्गफीट है, जिसके लिए 0.65 पैसे प्रति वर्गफीट लिए जाते हैं. इससे 73,808 मिलते हैं। सभी दुकानों और कार्यालयों से 1,34,666 रुपए प्राप्त होते हैं. 1996 के बाद रखरखाव शुल्क में वृद्धि नहीं हुई। महंगाई बढ़ने से रखरखाव में परेशानी हो रही है.

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