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आईआईटी कानपुर के नये सत्र में 103 छात्राआें का होगा दाखिला

कानपुर, 19 जनवरी (हि.स.)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) ने महिलाओं के लिए आरक्षित सीटें बढ़ाने का फैसला किया है। कानपुर आईआईटी में पिछले सत्र तक छात्राओं के लिए 54 सीटें आरक्षित थीं लेकिन अगले सत्र से यहां 103 छात्राओं को प्रवेश मिल सकेगा। 
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में देश के सभी 23 आईआईटी को एक सर्कुलर भेजा है। इसमें कहा गया है कि सभी संस्थानों में इस वर्ष शुरू होने वाले नए बैच में कम से कम 14 फीसदी सीटें महिला उम्मीदवारों के लिए सुनिश्चित करनी चाहिए। यह भी कहा गया कि इससे अन्य छात्रों के लिए उपलब्ध मौजूदा सीटों पर असर नहीं पड़ना चाहिए। इसके बाद कानपुर आईआईटी ने अपनी मौजूदा सीटों को बढ़ाने का प्रस्ताव भेज दिया। 

आईआइटी के निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने बताया कि कानपुर आईआईटी में पिछले वर्ष 826 छात्रों ने प्रवेश लिया था जिसमें छात्राओं की संख्या 54 रही यानि साढ़े छह फीसदी। अब मानव संसाधन मंत्रालय ने छात्राओं की संख्या का प्रतिशत 14 कर दिया है तो ऐसे में प्रस्ताव भेजा गया है कि यहां पर 49 सीटें और बढ़ाई जाएं जिससे सर्कुलर के मुताबिक छात्राओं को 14 फीसदी प्रवेश दिया जा सके। उन्होंने बताया कि जल्द ही प्रस्ताव पर मानव संसाधन मंत्रालय की मुहर लग जाएगी। ऐसे में अबकी बार नये सत्र में कानपुर आईआईटी में कुल छात्रों की संख्या 875 हो जाएगी जिसमें 103 छात्राओं को प्रवेश दिया जाएगा। 

10 फीसदी छात्राओं ने लिया था दाखिला

प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने बताया कि पिछले सत्र में सभी संस्थानों में लगभग 10 हजार छात्रों ने प्रवेश लिया था जिसमें छात्राओं की भागीदारी करीब 10 फीसदी रही है। अब यह संख्या 14 फीसदी अनिवार्य कर दी गई है जिससे लगभग साढ़े पांच सौ सीटों से अधिक की जरूरत होगी। उन्होंने बताया कि आईटी कानपुर में प्रवेश लेने वाले कुल 826 छात्रों में से महिलाओं की संख्या केवल 54 (6.5 फीसदी) थी। आईआईटी गुवाहाटी में कुल 643 छात्रों में से केवल 6 फीसदी महिलाएं थी, जबकि आईआईटी खड़गपुर में 1,332 छात्रों में से केवल 110 महिलाएं (8 फीसदी) थी। 

2020 तक मिलेगा 20 फीसदी आरक्षण

आईआईटी में छात्राओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए मानव संसाधन तीन चरणों पर काम कर रहा है। पहले चरण यानि 2018 के लिए 14 फीसदी अनिवार्य किया है। दूसरे चरण 2019 के लिए 17 फीसदी और 2020 में 20 फीसदी यह आरक्षण हो जाएगा। प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने बताया कि 20 प्रतिशत का आरक्षण तभी मिलेगा जब महिला उम्मीदवारों की प्रवेश संख्या बहुत कम होगी। उदाहरण के तौर पर अगर 100 सीटें हैं और उनमें केवल से केवल 10 सीटों पर ही महिला उम्मीदवार प्रवेश कर ले रही हैं तो संस्थान 20 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित कर देगा।

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