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आधार के कारण भूख से तडपकर 11 साल की बच्ची की हुई मौत

सिमडेगा 17 अक्टूबर : झारखंड के सिमडेगा में भूख की वजह से 11 साल की किशोरी ने दम तोड़ दिया। उसके पास आधार कार्ड नहीं था, इसलिए उसे राशन नहीं मिला।  बच्ची की  मौत पर सीएम रघुवर दास ने जांच के ऑर्डर दिए हैं। सीएम मंगलवार को सिमडेगा पहुंचे थे। उन्होंने जिले के डिप्टी कमिश्नर मंजूनाथ भजंत्री से पूरे मामले की जानकारी ली। सीएम ने पूछा कि मीडिया में जो भूख से मौत की खबर चल रही है, उसका सच क्या है। इसपर डीसी ने बताया कि बच्ची की मौत मलेरिया से हुई है। तीन सदस्यीय जांच कमिटी ने मौत की जांच की है। सीएम ने पूरे मामले की डीसी को खुद जांच करने के ऑर्डर दिए और कहा है कि 24 घंटे के अंदर इसकी रिपोर्ट दी जाए। मामले में सत्यता पाई जाती है तो दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सीएम ने पीड़ित परिवार को 50 हजार रुपए की तत्काल सहायता राशि भी देने के आदेश दिए। 

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मृत बच्ची संतोषी

मामला कुछ इस प्रकार हैं . 

इस गांव में करीब सौ घर हैं। पिछड़े समुदाय से आने वाली संतोषी की मां के अनुसार उसने मौत के चार दिन पहले से कुछ भी नहीं खाया था। घर में मिट्‌टी का चूल्हा था, लकड़ियां थीं, लेकिन बनाने के लिए राशन नहीं थे।

मृतिका के मां के अनुसार गांव के डीलर ने पिछले आठ महीनों से उसे राशन देना बंद कर दिया था क्योंकि उसका राशन कार्ड आधार से लिंक नहीं हो पाया था। संतोषी के पिता लाचार और बीमार हैं। इस कारण उसकी मां कोयली देवी ही दातून बेचकर परिवार चलाती है . मां कोयली देवी ने बताया कि 28 सितंबर की दोपहर भूख के कारण संतोषी के पेट में तेज दर्द होने लगा। संतोषी को गांव के एक लोकल वैद्य से भी दिखाया गया। संतोषी ने उस समय कहा था कि भूख लगी है, कुछ खा  लूंगी तो पेट दर्द ठीक हो जाएगा। लेकिन मां के पास उसे खिलाने को कुछ भी नहीं था। 

इसके बाद संतोषी भात-भात कहकर रोने लगी। उसके हाथ-पैर अकड़ गए थे। उसके बाद मां ने चायपत्ती और नमक मिलाकर चाय बनायी और बेटी को पिलाना चाहा, लेकिन तब तक उसकी सांसें थम चुकी थीं। उस समय रात के लगभग 10 बज रहे थे।

इधर इलाके के सामाजिक संगठन डीसी की सफाई को सिरे से नकार रहे हैं। उनके अनुसार 27 सितंबर को संतोषी को बुखार था ही नहीं, तो फिर उसे मलेरिया कैसे हो सकता है।

कोयल देवी को राशन नहीं मिलने की शिकायत पहली बार 21 अगस्त को डीसी के जनता दरबार में भी की गई थी। 25 सितंबर को दुबारा इसकी शिकायत डीसी से की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। (हि.स.)। 

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