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आप ने कहा, चुनाव आयोग ने बिना सुने ही फैसला किया

नई दिल्ली, 19 जनवरी (हि.स.)। आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द किए जाने से जुड़ी चुनाव आयोग की सिफारिश पर पार्टी प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज का कहना है कि आयोग ने आप विधायकों को अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया और एकतरफा फैसला सुना दिया। 

आप विधायक व पार्टी प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि दुनिया में कहीं भी अगर किसी के खिलाफ कोई जांच प्रक्रिया शुरु की जाती है तो आरोपियों को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाता है। लेकिन चुनाव आयोग ने विधायकों को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया। 

उल्लेखनीय है कि आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों के ‘लाभ के पद’ से जुड़े मुद्दे पर चुनाव आयोग ने शुक्रवार को राष्ट्रपति से इन सभी की सदस्यता रद्द किए जाने की सिफारिश की है।

पार्टी प्रवक्ता ने चुनाव आयोग पर मोदी सरकार के दिशा निर्देश पर काम करने वाली इकाई बताते हुए कहा कि आयोग ने अपनी साख पूरी तरह से खो दी है। आगे की कार्यवाही के संबंध में श्री भारद्वाज ने कहा कि एक बार चुनाव आयोग से कोई आधिकारिक संवाद प्राप्त होने पर आगे की कार्यवाही के बारे में विचार किया जाएगा। 

उन्होंने कहा कि इन विधायकों के किसी सरकारी लाभ लेने के कोई सबूत नहीं हैं। पार्टी इस विषय को चुनाव आयोग के समक्ष रखना चाहती थी। अभी तक चुनाव आयोग के समक्ष इस विषय की सुनवाई शुरु ही नहीं हुई थी। केवल इतनी सुनवाई हुई थी कि क्या इस मुद्दे पर सुनवाई हो सकती है या नहीं जिस पर चुनाव आयोग ने फैसला लिया था कि वह सुनवाई करेगी। 
मामले में 9 जून 2016 को कांग्रेस ने आप के 21 विधायकों के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत की थी। हालांकि आप विधायक जरनैल सिंह के इस्तीफा देकर पंजाब में चुनाव लड़ने जाने के चलते संख्या 20 रह गई थी। 

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