महाराष्ट्रमुंबई

एमएमआरडीए की योजना के विरोध में आदिवासी एकता परिषद का मनपा मुख्यालय पर मोर्चा .

वसई (आर एन सिंह) 27 नवम्बर : एमएमआरडीए द्वारा प्रस्तावित योजना के विकास का चारों को ओर तीव्र विरोध होता दिखाई दे रहा है। योजना का पर्याय देरी “जनता का विकास योजना ” से तैयार किया जा रहा है। अर्बन डिजाईन रिसर्च इंस्टिट्यूट विशेषज्ञ, इंजीनियर, योजनाकारों और आंदोलन व सामाजिक कार्यकर्ता की अध्ययन समूह द्वारा तैयार किया जा रहा है। इस प्रकार से सरकार की उक्त योजना आंदोलन के लिए एक नया हथियार साबित होता दिखाई दे रहा है। इसी तरह से आदिवासी एकता परिषद वसई तालुका (महाराष्ट्र राज्य) की ओर से सोमवार को मनपा मुख्यालय पर अस्तित्व बचाने के लिए विशाल मोर्चा निकाला गया था| 
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ज्ञात हो कि मुंबई सहित आसपास के क्षेत्रों की विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा मुंबई महानगर विकास प्राधिकरण की ओर २०१६-२०३६ यानि २० वर्षों के विकास की योजना का प्रस्ताव किया गया है। उक्त योजना के प्रावधानों में स्थानिक किसानों , मच्छीमार, भूमिपुत्र और पर्यावरणविद की ओर से जोरदार विरोध किया जा रहा है। योजना के विरोध को लेकर हजारों की संख्या लोगों द्वारा हस्ताक्षर किया जा रहा है। वही वसई-विरार शहर महानगर पालिका व तालुका क्षेत्र के आदिवासी व ने पिछड़े समाज के लोगों द्वारा भी तीव्र विरोध किया जा रहा है|

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समाज द्वारा आह्वान किया गया है कि पीढ़ी दर पीढ़ी हम अपने घर रहते आ रहे है| वसई तालुका के विकास के नाम पर मुंबई महानगर विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) द्वारा विकास के नाम योजना के तहत तालुका का विकास किया जा रहा है| इसके तहत सड़कों का चौड़ीकरण,बुलेट ट्रेन, मुंबई बड़ोदरा एक्सप्रेस हाइवे, मेट्रों ट्रेन, सागरी महामार्ग, रिंग रुट रेलवे, तालाब सुशोभीकरण और स्मार्ट सिटी आदि के लिए तालुका से बाहर करने के लिए एमएमआरडीए और मनपा की ओर से झोपड़पट्टी पुनवर्सन योजना के तहत बिल्डिंगों में घर देने को मंजूर किया है|
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आदिवासी एकता परिषद वसई तालुका(महाराष्ट्र राज्य) की ओर से मजूर प्रस्ताव के बाद पुनर्वसन किये जाने पर बेरोजगार होने का समय बताया जा रहा है| आदिवासियों के भूखों मरने का समय आ सकता है| और बच्चे शिक्षा से वंचित हो सकते है| मूलभूत सुविधाओं से वंचित होने के बाद आने वाली पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय दिखाई दे रहा है| यही नहीं उनके द्वारा कई वर्षों के बाद बिल्डिंग जर्जर होने व जान का जोखिम सहित बचे परिवारों को बेघर होने का समय आने की बात कही जा रही है|
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इसी उद्देश्य से सोमवार सुबह १०.०० बजे के आसपास वसई-विरार शहर महानगर पालिका मुख्यालय विरार पर अपने घर को बचाने के लिए एक विशाल मोर्चा निकाला गया|  योजना के विरोध को लेकर विभिन्न सामाजिक संघटन और कार्यकर्ताओ से मुलाकात कर जनता विकास योजना मंच की स्थापना किया गया था। मंच के माध्यम से आंदोलन की गयी थी। निर्भय जनमंच के मनवेल तुस्कानो ने बताया की नयी योजना का बुनियादी ढांचा तैयार किया गया है। अगले १५ दिनों में नयी योजना की बात कही गयी है। उन्होंने कहा की नई विकास योजना स्थानिक जनता और पर्यावरण को केंद्र बिंदु को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। मंच
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