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काशी हुई केसरियामय, गंगा तट से ज्ञानवापी क्रॉसिंग कांवड़ियों से पटा

वाराणसी,19 जुलाई : श्रावण माह में काशी पुराधिपति बाबा विश्वनाथ की नगरी केसरिया हो चुकी है। भीषण उमस और धूप के तल्ख तेवर के बावजूद बाबा दरबार में बुधवार को जलाभिषेक के लिए कांवड़ियों का रेला उमड़ पड़ा। दशाश्वमेधघाट से बाबा दरबार ज्ञानवापी क्रॉसिंग तक कांवड़ियों ने हर हर महादेव बोलबम के नारों से फिजा गुंजायमान रही। 

कांवड़ियों की भीड़ से क्षेत्र की यातायात व्यवस्था भी छिन्न-भिन्न रही। बावजूद बाबा के भक्तों और शहरियों के चेहरे पर इसको लेकर शिकन नहीं रही। कांवड़ियों के जत्थे को लोग आने-जाने के लिए जगह दे अपने कार्यस्थल पर आते-जाते रहे। उधर शिवभक्त सावन माह के प्रदोष व्रत शिवरात्रि को लेकर भी उत्साहित हैं। सावन माह में प्रदोष का महात्म्य देख घरों में भी लोग रूद्राभिषेक की तैयारियों में जुटे हुए हैं। प्रदोष 21 जुलाई शुक्रवार को है। लोकाचार में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत को सबसे महत्वपूर्ण माना गया है।

नगर के जाने माने ज्योतिषविद डॉ.राजकिशोर पांडेय ने बताया कि प्रदोष काल सूर्यास्त से दो घटी यानि 48 मिनट तक होता है। सावन कृष्ण त्रयोदशी तिथि 20 जुलाई को रात्रि 10:35 पर लगेगी जो 21 जुलाई रात्रि 08:06 तक रहेगी। बताया कि प्रदोष काल में भोलेनाथ का रुद्राभिषेक-पूजन कर उन्हें मदार, धतूरा, बिल्वपत्र चढ़ाने से विशेष कृपा प्राप्त होती है। तिथि विशेष पर नवग्रहों के पूजन का भी विधान है। 

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