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केंद्र 18 सितंबर को रोहिंग्या मामले में दाखिल करेगा हलफनामा : गृह मंत्री

नई दिल्ली, 15 सितम्बर : देश में एक बार फिर से रोहिंग्या मुसलमानों का मुद्दा तूल पकड़ने लगा है। केंद्र सरकार 18 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करेगी। केंद्र इस मामले में अपना पक्ष स्पष्ट कर चुकी है कि रोहिंग्या मुस्लिमों को स्थायी रूप से शरण देना देश की सुरक्षा के लिए खतरा है। केंद्र का स्पष्ट तर्क है कि भारत आए रोहिंग्या समुदाय के लोग अवैध अप्रवासी हैं| इन्हें वापस भेजा जायेगा। भारत में पहले ही मौजूद शरणार्थियों की संख्या विश्व में सर्वाधिक है।

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा, ‘हम 18 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे पर ऐफ़िडेविट फाइल करेंगे।’ राजनाथ सिंह यहां आईटीबीपी के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आये थे। 

इससे पहले केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने कहा था कि अगर हम अपने देश को बचाना चाहते हैं तो विदेशी नागरिकों को स्थायी रूप से रखना कदाचित सही नहीं है। अगर वे यहां स्थायी रूप से रहेंगे तो कानून व्यवस्था की समस्या पैदा होगी। फिर नागरिकों को कौन बचाएगा।’
दूसरी तरफ केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजीजू ने रोहिंग्या को लेकर भारत की खलनायक जैसी छवि बनाने के प्रयासों की तीखी आलोचना करते हुये कहा है कि यह देश की छवि धूमिल करने की सोची समझी कवायद है। उन्होंने कहा कि गैरकानूनी तरीके से भारत में प्रवेश करने वाले रोहिंग्या मुस्लिमों के मामले में भारत की आलोचनाओं में देश की सुरक्षा को नजरंदाज किया गया है।

गौरतलब है कि कई मानवाधिकार संगठन भारत सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि इन शरणार्थियों को देश में ही रहने दिया जाए वहीं सरकार का मानना है कि रोहिंग्या मुसलमान अवैध प्रवासी हैं| इसलिए कानून के मुताबिक उन्हें बाहर किया जाना चाहिए। अब ये मामला सर्वोच्च न्यायालय में पहुंच गया है। गृह मंत्रालय ने अलर्ट जारी कर भारत-म्यांमार सीमा पर चौकसी बढ़ा दी है। बॉर्डर पर सरकार ने रेड अलर्ट भी जारी कर दिया है।

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