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चीन और कोरिया में कुत्तों का मांस खाने पर भड़के अमरीकी….. , चलाया जनजागरण अभियान

लॉस एंजेल्स, : चीन और दक्षिण कोरिया में कुत्तों की नृशंस हत्या और उनके मांस को रेस्तराओँ में परोसे जाने के ख़िलाफ़ अमेरिका और कनाडा में जनजागरण तेज़ हो गया है। इस अभियान में में हालीवुड के सिने कलाकारों मेट डामों, जोकिन फ़ीनिक्स और रूनी मारा ने सैन फ़्रांसिस्को में कुत्तों के मांस के सौदागरों को आड़े हाथों लिया है और इस व्यापार को पूरी तरह बंद किए जाने की अपील की है ।

कैलिफ़ोर्निया में चीनी समुदाय भारी तादाद में है। कहा जा रहा है कि रेस्तराँ में कुत्तों का मांस परोसे जाने पर चीन के लोगों की भी ख़ासी प्रतिक्रिया हुई है । अमेरिका में कुत्तों और बिल्लियों को एक पालतू पशु के रूप में परिवार का एक हिस्सा माना जाता है। यहाँ चीनी समुदाय के लोग भी बड़ी तादाद में कुत्तों को एक संवेदनशील और स्वामीभक्त पालतू पशु के रूप में पालते हैं। हालाँकि अमेरिका और कनाडा सहित दुनिया के अनेक देशों में सूअर, बकरे और मुर्ग़ियों के गोश्त का सेवन किया जाता है। 

कनाडा की ह्यूमन सोसाइटी इंटरनेशनल की कार्यकारी निदेशक रेबेका आल्डोवर्थ के अनुसार ऐशियाई देशों में चेन और कोरिया के अलावा वियतनाम और कंबोडिया में प्रतिवर्ष तीन करोड़ कुत्तों की नृशंस हत्या कर उनका मांस रेस्तराँ में परोसा जाता है। इनमें अकेले चीन में प्रतिवर्ष क़रीब दो करोड़ कुत्तों की नृशंस हत्या कर मांस परोसा जाता है, तो दक्षिण कोरिया में पच्चीस लाख कुत्तों का मांस खाया जाता है। रेबेका ने कहा है कि दक्षिण कोरिया में कुत्तों का व्यापार करने वाले सौदागर इसे पालतू पशु नहीं मानकर उपभोग की वस्तु मानते हैं, और उसी दृष्टि से उन्हें पिंजरों में रखना, बदबूदार बचा-खूचा खाना देना समेत कई तरह की यातनाएँ देते हैं। 

सुश्री रेबेका ने दो माह बाद दक्षिण कोरिया के पयोंगचोंग में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक खेलों से पूर्व कुत्तों की नृशंस हत्या और उसका मांस परोसे जाने के ख़िलाफ़ एक रणनीति तैयार की है। ह्यूमन सोसाइटी के प्रयासों से दक्षिण कोरिया में पिछले तीन सालों में कुत्ते पालने और उन्हें बेचे जाने को लेकर 50 फ़ार्म हाउस को बंद किया गया है। 

चीन के दक्षिण में स्थित यूलिन, गुआंगशी में तो प्रतिवर्ष कुत्तों का एक मेला लगता है, जहाँ एक ही दिन में क़रीब दस हज़ार कुत्तों की नृशंस हत्या कर उनका मांस रेस्तराँ में परोसा जाता है। एक मान्यता है कि कुत्तों को तड़फराने, पीटने, जलाने और पीड़ादायक तौर-तरीके आज़माने से मांस स्वादिष्ट हो जाता है। चीनी प्रशासन की ओर से रेस्तराँ में कुत्तों का मांस परोसे जाने को अवैधानिक क़रार दिया गया है | लेकिन फिर भी एक प्राचीन मान्यता के अनुसार कुत्तों का मांस बहुतायत में परोसा और खाया जाता है और इसपर रोक नहीं लग पा रही है | (हि.स.)|

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