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जम्मू-कश्मीर के विलय के 70 साल पर प्रदर्शनी का आयोजन

नई दिल्ली, 11 जनवरी (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर के भारत में शामिल होने के 70 साल पूरा होने पर गुरुवार को राष्ट्रीय अभिलेखागार में संस्कृति मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने ‘इन्डिया @70: जम्मू और कश्मीर सागा’ नामक प्रदर्शनी का उद्‌घाटन किया। श्री शर्मा ने कहा कि प्रदर्शनी के माध्यम से देश के युवा जान सकते हैं कि कैसे जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बना। 

डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की जनता ने गांधी जी की सोच को स्वीकारा व वहां के राजा हरि सिंह ने भारत में शामिल होने के करार पर हस्ताक्षर किए| इस तरह एक भारत श्रेष्ठ भारत की नींव पड़ी। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर रियासत को भारत ने विजय नहीं किया और न ही परिभाषित किया है बल्कि भारत में उसका विलय कर एक गौरवान्वित इतिहास लिखा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह के भारत में शामिल होने की घोषणा के बाद ही भारतीय सेना ने वहां प्रवेश किया और पाकिस्तान की ओर से हुए आक्रमण को ध्वस्त किया। 

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अभिलेखागार ने देश के युवा वर्ग को उस इतिहास से परिचित कराने की कोशिश की ताकि वह जाने की सरदार पटेल, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और गांधी जी ने कैसे एक भारत श्रेष्ठ भारत बनाने के सपने के लिए अपना जीवन समर्पित किया। 
उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का एक अभिन्न अंग है। आज हमारा देश एक शक्तिशाली देश है| इसे पूरी दुनिया स्वीकार करती है। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के सपने को लेकर आगे बढ़ रहा है। यही बात जब देश की युवा पीढ़ी जानेगी तो उनका गौरव और बढ़ेगा। 

जनपथ स्थित राष्ट्रीय अभिलेखागार की यह प्रदर्शनी एक महीने तक यहां रहेगी। इसमें जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय से जुड़े इतिहास को समेटने की कोशिश की गई है। इसमें राजनीतिक, सैन्य, भौगोलिक और उस समय विभिन्न समाचार पत्रों में छपी खबरों के माध्यम से उस समय की परिस्थिति और इतिहास को दर्शाने की कोशिश की गई है। 

इस प्रदर्शनी में ज्यादातर सामग्री डिजिटल रूप में प्रदर्शित की गई जिसमें दर्शाये गए कई दस्तावेजों, कुछ किताबों और घटनाक्रम की रूपरेखा के माध्यम से जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय की पूरे घटनाक्रम को बेहतर ढंग से समझा जा सकता है। 

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