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टीबी एक गंभीर बीमारी, पर इलाज संभव- प्रो. राजेन्द्र

लखनऊ, 23 सितम्बर (हि.स.)। लखनऊ विश्वविद्यालय के एपी सभागार में विशिष्ट व्याख्यान श्रृंखला के अंतर्गत शनिवार को किंग जार्ज मेडिकल कालेज में पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. राजेन्द्र प्रसाद ने ‘टीबी नियंत्रण’ विषयक संगोष्ठी को संबोधित किया।

प्रो. राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि भारत में टीबी के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इससे लगभग 18 लाख लोग प्रभावित हैं और 5 लाख लोग प्रतिवर्ष मरते हैं। विश्व का 27 प्रतिशत टीबी मरीज भारत में है। पिछले वर्ष एक अध्ययन के आधार पर भारत में टीबी से ग्रसित लोगों की संख्या 28 लाख/वर्ष है। इन 28 लाख लोगों में से सिर्फ 15 लाख मरीजों का ही इलाज हो पाता है। वहीं लगभग 10 लाख से 12 लाख लोगों का इस रोग से ग्रसित होने का पता नहीं लग पाता है और न ही उनका इलाज हो पाता है। 

उन्होंने कहा कि टीबी की रोकथाम के लिये भारत में नेशलन टीबी प्रोग्राम 1962 में शुरु किया गया और 1992 के खोज में पाया गया कि उस प्रोग्राम का टीबी नियंत्रण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। बाद में पुनः संशोधित प्रोग्राम को शुरु किया गया। प्रोग्राम के अंतर्गत मरीजों की जांच व दवाईयां मुफ्त उपलब्ध कराने की व्यवस्था है। कहा कि पिछले बीस वर्षों से इस प्रोग्राम के तहत लगभग दो करोड़ मरीजों का इलाज हो चुका है और 35 लाख लोगों की जान बचायी जा चुकी है। नयी सरकार का लक्ष्य है कि 2025 तक भारत में टीबी पर पूरी तरह नियंत्रण कर लिया जाये। इसके लिये बहुत सी नयी दवायें और नयी जांचों के साथ ही इलाज में काम को तेजी से करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर सैकड़ों छात्र उपस्थित रहे।

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