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डाॅक्टर दंपत्ति की शर्मनाक हरकत , कैद से भागी किशोरी ने किये हैरान करने वाले खुलासे !

मेरठ, 29 जनवरी :  एक वर्ष पूर्व जानी क्षेत्र में डाॅक्टर दंपत्ति के यहां से गुम हुई किशोरी को पुलिस ने बरामद किया तो कहानी सामने आने पर सबके होश उड़ गए। किशोरी ने डाॅक्टर दंपति पर खुद को वर्षाें तक बंधक बना उत्पीड़न किए जाने आरोप लगाया है। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल ने बाल कल्याण समिति को मामले की जानकारी देते हुए आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही का शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।

दरअसल पंजाब में जालंधर निवासी प्रदीप कीर्तन करते हैं। वर्षों पूर्व उनकी पत्नी की मौत के बाद छह वर्षीय पुत्री गुरप्रीत को पालने की जिम्मेदारी उसकी मौसी मनजीत ने उठा ली। बताया जाता है कि इसी बीच जालंधर में प्रैक्टिस करने वाले डाॅक्टरविपिन तलवार और उनकी पत्नी स्वर्णलता ने मनजीत के सामने नन्हीं गुरप्रीत को पालने की इच्छा जाहिर की। जिसके बाद मनजीत ने गुरूप्रीत को डाॅक्टर दंपत्ति के सुपुर्द कर दिया।

बेटी बनाकर मांगा था, बना दिया नौकरानी

गुरप्रीत का आरोप है कि डाॅ. विपिन तलवार और उनकी पत्नी स्वर्णलता उसे बेटी बनाकर लाए, लेकिन नौकरानी बनाकर रख दिया। उससे घर का सारा काम कराया जाता और विरोध करने पर उसके साथ मारपीट की जाती। कई दिनों तक उसे खाना तक नहीं दिया जाता था। अपनी मजबूरी को अपना नसीब मानते हुए गुरप्रीत ने कई वर्ष डाॅक्टर दंपति के घर गुजार दिए। इसी बीच डाॅक्टर दंपति का पुत्र मेरठ के सुभारती मेडिकल काॅलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए आया। यहां से गुरप्रीत के उत्पीड़न की दूसरी कहानी शुरू हो गई। गुरप्रीत के अनुसार अपने बेटे की परीक्षाओं के समय डाॅक्टर दंपति उसे साथ लेकर मेरठ आ जाते और जानी की गाॅडविन काॅलोनी स्थित फ्लैट में उससे सारा काम कराया जाता था।

रेल ट्रैक के पास मोबाइल पर बात करती रही युवती , फिर हुआ कुछ ऐसा की देखने वालों की रूह कांप गई !

मौका मिलते ही घर से भागी गुरप्रीत

गुरप्रीत ने बताया कि वर्ष 2016 में जब वह 15 वर्ष की थी, उस समय डाॅक्टर दंपति उसे एक बार फिर मेरठ लेकर आए। इसी बीच 26 अगस्त 2016 को मौका मिलने पर वह डाॅक्टर दंपति की ‘कैद’ से छूटकर भाग निकली। रेलवे स्टेशन पर उसे शिवा नाम का एक लड़का मिला। उसने शिवा को आपबीती बताई। शिवा उसे पुलिस को सौंपने चाहता था, लेकिन डाॅक्टर दंपत्ति के प्रभावशाली होने के कारण उसने पुलिस के पास जाने से इंकार कर दिया। इसके बाद से वह पिलखुवा स्थित शिवा के घर रह रही थी।

अपने ही बिछाए जाल में फंस गए डाॅक्टर साहब

गुरप्रीत के घर से जाने के बाद डाॅ. स्वर्णलता ने जानी थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज करा दी। जिसके बाद पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी। वहीं डाॅक्टर दंपति भी पुलिस पर गुरप्रीत की बरामदगी के लिए दबाव बनाते रहे। आखिरकार पुलिस ने गुरप्रीत को शिवा के घर से बरामद करते हुए शिवा को भी हिरासत में ले लिया। लेकिन जब गुरप्रीत ने हकीकत बयान की तो खुद को जाल में फंसता देख डाॅक्टर दंपत्ति बैकफुट पर आ गए। अब वह पुलिस पर मामले को रफादफा करने का दबाव बना रहे हैं।

एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल ने कसा शिकंजा

किशोरी द्वारा डाॅक्टर दंपत्ति पर लगाए गए आरोपो के बाद एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल डॉक्टर के परिवार पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इस मामले की जानकारी बाल कल्याण समिति को देते हुए पुलिस अब किशोरी के 164 के बयान कराने की तैयारी में जुटी है। सेल के प्रभारी के अनुसार मंगलवार को किशोरी के बयान दर्ज कराए जाने के बाद आगे की कार्यवाही तय की जाएगी।  (हि.स.)।

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