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ताज महल के संरक्षण पर समग्र नीति पेश करे यूपी सरकार : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, 15 नवम्बर (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने ताज महल के संरक्षण पर यूपी सरकार को समग्र नीति पेश करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने 20 नवंबर तक समग्र नीति पेश करने का निर्देश दिया। यूपी सरकार ने ताज संरक्षित क्षेत्र मे पूर्वी गेट पर मल्टीलेवल पार्किंग बनाने के लिए 11 पेड़ काटने की इजाजत मांगी है ।

उत्तरप्रदेश सरकार ने ताज महल को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कल हलफनामा दायर किया था। यूपी सरकार ने कहा था कि वे ताज महल के आसपास के पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। हलफनामे में यूपी सरकार ने कहा है कि वो ताज और उसके आसपास के क्षेत्र का विकास भी करना चाहती है। राज्य सरकार ने कहा है कि वो माइक्रो लेवल पर ताज महल के संरक्षण और उसकी सुरक्षा को लेकर योजना पर विचार कर रहे हैं। आगरा के मास्टर प्लान 2021 में ताज महल की सुरक्षा और संरक्षण को शामिल किया गया है।

पिछले 27 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने ताज महल के आसपास के पार्किंग को हटाने की उत्तरप्रदेश सरकार की अर्जी को स्वीकार कर लिया था। कोर्ट ने मल्टी लेवल पार्किंग स्पेस को न हटाने की अनुमति दे दी थी। कोर्ट यूपी सरकार द्वारा दाखिल हलफमाने पर कल यानि 15 नवंबर को सुनवाई करेगा।

पिछले 24 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने ताज महल के आसपास के पार्किंग स्पेस को हटाने का आदेश दिया था। जिसके खिलाफ 25 अक्टूबर को उत्तरप्रदेश सरकार ने इस फैसले को वापस लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उत्तरप्रदेश सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील ऐश्वर्या भाटी ने मेंशन करते हुए कहा था कि कल यूपी का वकील कोर्ट में इसलिए पेश नहीं हो सका क्योंकि कोर्ट में भीड़ काफी ज्यादा थी। दरअसल 24 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान यूपी सरकार की ओर से कोई कोर्ट मे पेश नहीं हुआ था जिस पर कोर्ट नाराज़ हो गया और टूरिज़म विभाग की अर्जी ख़ारिज कर दी। सुनवाई के दौरान एमसी मेहता ने कोर्ट को बताया था कि पार्किंग का निर्माण शुरू हो गया है और अभी इसके लिए पर्यावरण मंज़ूरी नही ली गई है। कोर्ट ने कहा कि निर्माण से पहले पर्यावरण मंज़ूरी और सीईसी की किल्यरेंस होनी चाहिए।

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