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तीन अक्टूबर को होगा 14वां अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन..

जमेर, 30 सितम्बर : वैश्विक स्तर पर हिन्दी भाषा और हिन्दी संस्कृति को प्रतिष्ठित करने के लिए ‘सृजनगाथा‘ संस्था की ओर से इस वर्ष ‘14वां अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन‘ का 12 दिवसीय आयोजन राजस्थान के अजमेर में होने जा रहा है। 

बैंकाक, मारीशस, अरब अमीरात, ताशकंद, श्रीलंका, चीन, मिस्र, नेपाल आदि 13 देशों में सफल आयोजन के उपरान्त यह पहली बार राजस्थान में हो रहा है। सम्मेलन में जयपुर, अजमेर, बीकानेर, माउंटआबू और उदयपुर में हिन्दी भाषा और साहित्य पर विविध सत्रों में विस्तार से चर्चा होगी। इसमें देश-विदेश के 62 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।

यह जानकारी देते हुए स्थानीय संयोजक स्वामी शिवज्योतिषानन्द ने बताया कि अजमेर में तीन अक्टूबर को सांयकाल 5 बजे से सिविल लाइन्स स्थित शिक्षा बोर्ड रीट कार्यालय के सभागार में गीत और गज़ल पर केन्द्रित तीन सत्रों का आयोजन होगा। प्रथम सत्र में ‘‘गीत और गजल-सामथ्र्य और सरोकार‘ विषय पर विस्तृत विचार विमर्श होगा। इसमें मुख्य अतिथि मण्डल रेल प्रबन्धक पुनीत चावला होंगे तथा अध्यक्षता शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष प्रो. बी.एल. चौधरी करेंगे। विशिष्ट अतिथि म.द.स.विश्वविद्यालय के डीन प्रो. नगेन्द्र सिंह, मारवाड़ रतन देवकिशन राजपुरोहित, राजस्थान साहित्य अकादमी सदस्य उमेश कुमार चैरसिया तथा सर्वधर्म मैत्री संघ के अध्यक्ष प्रकाश जैन रहेंगे। स्वागताध्यक्ष सन्यास आश्रम के अधिष्ठाता स्वामी शिवज्योतिषानन्द होंगे। 

सह संयोजक उमेश कुमार चैरसिया ने बताया कि इसी दिन द्वितीय सत्र में गीत, गज़ल, नवगीत, बालगीत, दोहे आदि की श्रेष्ठ रचनाओं का पाठ देश-विदेश के कविगण करेंगे। मुख्य अतिथि पूर्व जनसंपर्क निदेशक डाॅ अमरसिंह राठौड, होंगे तथा अध्यक्षता पद्मश्री डाॅ चन्द्रप्रकाश देवल करेंगे। तीसरा सत्र ‘संगीत यामिनी‘ का रहेगा जिसमें डाॅ अनुराधा दुबे द्वारा कत्थक नृत्य और प्रसिद्ध संगीतज्ञ डाॅ रजनीश चारण द्वारा राजस्थानी लोकगीत व ग़ज़लों की प्रस्तुति की जाएगी। सत्रों में स्थानीय साहित्यकारों की सहभागिता भी रहेगी। 

सर्वधर्म मैत्री संघ के प्रकाश जैन के अनुसार तीन अक्टूबर को प्रातः 11.30 बजे से ‘अहिंसा सद्भावना यात्रा‘ का आयोजन भी रखा गया है। देश-विदेश से आए सभी प्रतिभागी लेखकगण के साथ यह यात्रा सन्यास आश्रम से प्रारंभ होकर गंज गुरूद्वारा, दरगाह, सेंट एन्सलम्स चर्च होते हुए नारेली जैन तीर्थ और पुष्कर ब्रह्मा मंदिर व पवित्र सरोवर जाएगी। चार अक्टूबर को प्रातः साहित्यकारों का दल बीकानेर के लिए रवाना हो जाएगा। (हि.स.)। 

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