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दिव्यांगजन को सम्मान के साथ पहचान दिलाना हमारी प्राथमिकता : थावरचंद

नई दिल्ली, 12 सितम्बर : केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने आज कहा कि दिव्यांगजन को सम्मान के साथ पहचान दिलाना हमारी सरकार की पहली प्राथमिकता है। 

थावरचंद गहलोत ने ‘समावेशी भारत सम्मेलन 2017 में कहा कि ‘हमारी सरकार दिव्यांगजन को पहचान दिलाने के लिए भरसक प्रयास कर रही है। 3 वर्षों में हमारी विभिन्न योजनाओं व पहल के कारण हम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक विशिष्ट पहचान बनाने में सफल हुए हैं। हम प्रतिदिन कुछ ऐसा कार्य करें जिससे हम सभी दिव्यांगजन को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करा सकें।’

थावरचंद गहलोत ने कहा, ‘राष्ट्रीय न्यास बौद्धिक विकासात्मक दिव्यांग व्यक्तियों के अवसर,अधिकार संरक्षण और पूर्ण प्रतिभागिता हेतु प्रतिबद्ध है। राष्ट्रीय न्यास 10 क्रियात्‍मक योजनाओं के द्वारा दिव्यांगों को लाभान्वित करने के लिए निरन्तर प्रयत्नशील है।’ 
थावरचंद गहलोत ने कहा, ‘मंत्रालय द्वारा ‘समावेशी भारत पहल‘ दिनांक 6-6-2017 को प्रारम्भ की गई । इसके तीन महत्वूर्ण तत्व होंगे, अर्थात ‘‘समोवशी शिक्षा’’, ‘‘समावेशी रोजगार’’ और ‘‘समावेशी समुदायिक जीवन’’। हम समावेशी समाज का निर्माण करें जिसमें दिव्यांगों की उन्नति हेतु समान अवसर उपलब्ध हो जिससे वे प्रतिष्ठित जीवन जी सकें।’ 

गहलोत ने बताया कि सरकार द्वारा 248 मेगा कैम्प लगाकर 3730 मोटोराइज्ड ट्राइसाइकिल अभी तक दिव्यांगजन में बांटी गयी है। 
गौरतलब है कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के राष्ट्रीय न्यास ने प्रमुख साझीदारों के सहयोग से एक सम्मेलन का आयोजन किया जाता है। राष्ट्रीय न्यास का समावेशी भारत अभियान विशेष रूप से बौद्धिक और विकास संबंधी दिव्यांगों के लिए है। इसका उद्देश्य ऐसे लोगों को मुख्यधारा में शामिल कराना और सामाजिक जीवन के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं शिक्षा, रोजगार और समुदाय के प्रति दृष्टिकोण बदलाव लाना है।

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