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धर्मनगरी से पुण्य ले गए गंदगी छोड़ गए कांवड़िएं

हरिद्वार, 10 अगस्त (हि.स.)। जल लेने आए करोड़ों श्रद्धालु पुण्य तो अर्जित कर ले गए। लेकिन धर्मनगरी व गंगा को टनों कचरे की सौगात सौप गए। कंवड़ मेला समाप्त होने के एक दिन बाद शहर में यातायात व्यवस्था सामान्य होने व बाईकों का शोर थमने के बाद लोगों ने राहत की सांस जरूर ली। लेकिन पूरे शहर में जगह जगह फैले कचरे व गंदगी के ढेर मूंह चिढ़ाते नजर आए। 

सवेरे घाटों पर सैर के लिए जाने वाले लोगों के लिए यह नजारा बेहद नागवार था। लेकिन जब आस्था के सैलाब के सामने तमाम नियम कायदे दम तोड़ जाएं तो कोई कर भी क्या सकता है। कांवड़ मेले के बाद हरकी पैड़ी सहित तमाम घाटों व गंगा के मैदानों में फैले टनों कचरे व गंदगी से एक बात और पूरी तरह साफ हो गई कि चाहे कितने भी जागरूकता अभियान चलाए जाएं, कितने भी नियम कायदे गढ़े जाएं, लोगों पर किसी का कोई असर नही है। भीड़ के आगे तमाम व्यवस्थाएं व नियम बौने ही साबित होते हैं।

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एनजीटी ने हरिद्वार में पॉलीथीन व प्लास्टिक की बिक्री पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया हुआ है। हाल ही में राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में ही पॉलीथीन को प्रतिबंधित करने का आदेश भी जारी किया है। लेकिन कांवड़ मेले के दौरान किसी आदेश का पालन होता कहीं नजर नहीं आया। घाटों पर फैली पॉलीथीन, प्लास्टिक आदि इसका प्रमाण हैं। एक सवाल आस्था को लेकर भी है। पूरे देश में गंगा को स्वच्छ बनाए जाने को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। गंगा को मैली नहीं करने के लिए चलाए जा रहे प्रचार अभियान पर करोड़ों खर्च होने के बाद कांवड़ मेला निपटने के बाद तमाम घाटों पर फैली गंदगी, गंगा में बहते पुराने कपड़े, प्लास्टिक के बर्तन, गंगा में पुलों के पाए से अटकी पुरानी कांवड़ बता रही हैं कि प्रचार अभियान का कोई लाभ नहीं हुआ है। आस्था के नाम पर जल भरने आए श्रद्धालु पुण्य तो कमा ले गए लेकिन अपनी आस्था को खुद ही मैली करने के प्रमाण भी छोड़ गए। 

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