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पटना : HIB पॉजीटिव दुष्कर्म पीड़ित महिला ने बच्ची को दिया जन्म.

पटना, सनाउल हक़ चंचल-12 अगस्त : पटना की HIB पॉजीटिव व दुष्कर्म पीड़ित 35 वर्षीया महिला ने बच्ची को जन्म दिया है. जच्चा व बच्चा दोनों ही स्वस्थ हैं. महिला की डिलिवरी इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) के स्त्री व प्रसूति रोग विभाग में हुआ है.  डिलिवरी सर्जरी के माध्यम से की गयी.  बच्ची का वजन साढ़े तीन किलो है. 

डिलिवरी के बाद मां को आइसीयू में रखा गया है, जिसका इलाज चल रहा है. जबकि, बच्ची को एनआइसीयू में रखा गया है. आइजीआइएमएस के चिकित्सा अधिकारी डॉ मनीष मंडल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार बच्ची का सही से ट्रीटमेंट किया गया. मां और बच्ची दोनों स्वस्थ हैं और पांच से सात दिनों तक विशेषज्ञ डॉक्टरों की देखरेख में इलाज किया जायेगा. 

क्या है घटना…..

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पटना की सड़कों पर बदहवास भीख मांगती एक गर्भवती महिला भिक्षावृत्ति निरोध व पुनर्वास योजना पर काम करनेवाले एनजीओ को मिली थी. यह मामला कोर्ट तक पहुंचा. इसमें कहा गया कि महिला एचआइवी पॉजीटिव है.

वह दुष्कर्म की वजह से ठहरे अनचाहे गर्भ से ऐसा कोई बच्चा जन्म नहीं देना चाहती, जिसका भविष्य और जान असुरक्षित हो. न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा व न्यायमूर्ति एचएम खान विलकर की खंडपीठ ने पीड़ित महिला की गर्भपात के गुहार को इसलिए ठुकराया, क्योंकि दिल्ली स्थित एम्स की मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट गर्भपात के खिलाफ थी. भ्रूण 20 हफ्ते से अधिक का व स्वस्थ था. इससे मां की जान को कोई खतरा नहीं था.

 कैसे औरकहां हुई देर…..

महिला ने अपने गर्भधारण के 17वें हफ्ते में पीएमसीएच में गर्भपात की मांग की, तो उस समय अस्पताल प्रशासन ने महिला के पिता या पति की मंजूरी मांगी. कागजी कार्रवाई के चक्कर में इतनी देर हो गयी कि भ्रूण 20 हफ्ते से अधिक का हो गया. इसके बाद महिला ने हाइकोर्ट में गुहार लगायी. हाइकोर्ट ने मामले की गंभीरता पर फौरन मेडिकल बोर्ड के गठन का आदेश दिया. मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट गर्भपात के खिलाफ जाने के कारण हाइकोर्ट ने अनुमति नहीं दी. इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था.

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