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पत्रकारिता का उद्देश्य समाज को विचार देकर बेचैनी पैदा करे: श्रीधर

इलाहाबाद, 01 सितम्बर : पत्रकारिता का उद्देश्य समाज को अच्छे इंसान देना होना चाहिए और देखना होता है कि समाज को क्या पढ़ना चाहिए एवं उसके लिए क्या जानना जरूरी है। पत्रकारिता का एकमात्र उद्देश्य यही होना चाहिए कि वह लोगों को विचार दे और अपने समय व समाज की बेहतरी के लिए बेचैनी पैदा करे। बड़ी बात यह है कि हिन्दी पत्रकारिता अपनी बनावट के समय से लेकर आज तक अत्यन्त गम्भीरता के साथ इसी उद्देश्य को पूरा करती आ रही है।

उक्त बातें भोपाल माधवराव सप्रे स्मृति समाचार पत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान के संस्थापक पद्मश्री विजयदत्त श्रीधर ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सेन्टर ऑफ मीडिया स्ट्डीज में ‘हिन्दी पत्रकारिता के बदलते आयाम’ विषय पर विभिन्न पाठ्यक्रमों के नवप्रवेशी विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कही। 

उन्होंने आगे कहा कि हमने स्वतंत्रता आंदोलन के समय की पत्रकारिता से संपादकीय नैतिकता व आदर्श की शिक्षा ली और अपने देश व समाज को बनाने का काम किया। उन्होंने महात्मा गांधी, गणेश शंकर विद्यार्थी, माधव राव सप्रे की पत्रकारिता के साथ साथ इलाहाबाद से प्रकाशित होने वाले ‘स्वराज्य’ नामक उर्दू साप्ताहिक व उसके सम्पादकों के योगदान को सराहा और कहा कि ऐसा उदाहरण विश्व की पत्रकारिता में कहीं नहीं मिलता कि एक अखबार के आठ सम्पादकों को नब्बे बरस की सजा दी गई हो। उन्होंने शिक्षा से देशज चीजों के गायब होते जाने और सत्ता के अपनी जड़ों से दूर रहने को देश के लिए घातक बताया। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे संकल्प लेें कि वे पत्रकारिता के माध्यम से देश व समाज की बेहतरी के लिए कार्य करेंगे। 

सेन्टर के कोर्स कोआर्डिनेटर डा. धनंजय चोपड़ा ने पद्मश्री विजयदत्त श्रीधर का परिचय दिया और कहा कि उनके द्वारा स्थापित समाचार पत्र संग्रहालय देश का अकेला ऐसा संग्रहालय है जो पत्रकारिता को अधिक बेहतर ढंग से समझने का अवसर देता है। यही वजह है कि सप्रे संग्रहालय को पत्रकारिता का तीर्थ कहा जाता है। डा. चोपड़ा ने बताया कि पत्रकारिता की पढ़ाई प्रारम्भ करने वाले विद्यार्थियों के लिए सेन्टर ऐसे महत्वपूर्ण व्याख्यानों की श्रृृंखला आयोजित करता है, जिसका प्रारम्भ आज हो रहा है। इस अवसर पर डा. चोपड़ा ने विद्यार्थियों व अध्यापकों की ओर से पद्मश्री विजयदत्त श्रीधर को शाल व पुस्तकें भेंट कर सम्मानित भी किया। व्याख्यान में बी.ए, बी.वोक व एम.वोक, मीडिया स्ट्डीज के प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थी व अध्यापक उपस्थित रहे।

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