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पालघर में मराठा मूक मोर्चा के लिए उमड़ा जन सैलाब .

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संजय सिंह ठाकुर

केशव भूमि नेटवर्क = पालघर महाराष्ट्र के नाशिक , पुणा ,अहमदनगर व अन्य भागो में निकाले गए मराठा समाज के मूक मोर्चे की आग अब पालघर जिले में भी पहुच चुकी है . वही रविवार को मराठा समाज की तरफ से पालघर में भी एक मूक मोर्चा निकाला गया  जिस मोर्चे में पालघर ,वसई ,विरार ,बोईसर , दहाणु  व आस पास के क्षेत्रो से जन सैलाब उमड़ पड़ा था .

कोपर्डी कांड के आरोपियों को फांसी देने की मांग .

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पालघर जिला के पालघर, वसई,विरार,बोईसर व अन्य क्षेत्रो के लोग हुए शामिल .

महाराष्ट्र के पुणे कोपर्डी कांड के आरोपियों को फांसी देने की मांग को लेकर व एट्रोसिटी , आरक्षण के विरोध में पिछले कई दिनों पहले से मराठा समाज की ओर से नाशिक .पुणा , अहमदनगर व महाराष्ट्र राज्य के अन्य भागो में रैलियां निकाली जा रही हैं। जिसकी आग अब पालघर जिले में भी पहुच चुकी है क्यूंकि की पालघर जिले में बड़ी संख्या में मराठा समाज के लोग रहते है , जिसे देखते हुए मराठा समाज की तरफ से रविवार की एक मूक मोर्चा का आयोजन किया गया था . यह मोर्चा पालघर –बोईसर रोड पर स्तिथ जीवन विकास स्कुल से निकल कर आर्यन स्कुल के ग्राउंड पर ले जाया गया . जंहा इस मोर्चे को कुछ युवतियों ने अपने जोशीले शब्दों से लोगो को संबोधित किया , उसके बाद युवतियों ने करीब  5 लडकियों के ग्रुप ने पालघर कलेक्टर को निवेदन देकर इस मोर्चे का समापन किया .

युवक-युवतियों ने संभाली मोर्चे की कमान . 

kbn-10-news-palghar-marataha-morcha-foto-4खास बात यह थी की इस मोर्चे में कोई नेता नहीं था इस मोर्चे की बागडोर मराठा समाज के युवक और युवतियों ने सभाली थी. इस मोर्चे में सामिल युवक और युवतियों का कहना था की जिस प्रकार इंसानियत को शर्मशार करने वाली घटना कोपर्डी में हुयी लेकिन सरकार इस घटना के आरोपियो पर शिकंजा कसने में फेल हो रही है इसलिए सरकार से हमारी मांग है की इस घटना के आरोपियों को जल्द से जल्द फ़ासी की सजा दी जाए .साथ ही एट्रोसिटी नामक काले कानून और आरक्षण को भी रद्द किया जाए क्यूकी गिने चुने मामले को अगर छोड़ दिया जाए तो राज्य भर में जितने मामले दर्ज हुए है वह सब झूठे है . वही आरक्षण के कारण 45 प्रतिशत अंक लाने वाले को तुरंत सरकारी नौकरी मिल जाती है और 95 प्रतिशत अंक लाने वाले युवको को नौकरी नहीं मिलती क्यूकी उसे कोई आरक्षण प्राप्त नहीं है .इसलिए इन कानूनों को तुरन रद्द किया जाए . यही हमारी सरकार से मांग है , नहीं तो आने वाले समय में हम लोग इस आन्दोलन को और तीव्र करेगे . साथ ही जरुरत पड़ी तो हम लोग मतदान का भी विरोध करेंगे.

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