खबरेमहाराष्ट्र

पालघर में विस्फोटक मिलने से फैली दहसत .मुंबई ATS कर रही है जाँच ,

केशव भूमि नेटवर्क :=मुंबई से सटे पालघर जिला के पालघर तहसील में मुबई -अहमदाबाद पर सफाले  वरई फाटा के पास  गुरुवार को बड़ी मात्रा ने विस्फोटक मिलने इस  क्षेत्र में दहसत फैली हुयी है , जिसकी मुम्बई ATS जाँच कर रही है ,

        बताया जा रहा है की मुंबई  ATS को जानकारी मिली की पालघर जिले में मुबई -अहमदाबाद किनारे  सफाले  वरई फाटा के पास  एक खण्डहर मकान में बड़े पैमाने में बिस्फोटक सामान जमीन में गड्ढा खोदकर गाड़ा हुआ है ,मुंबई  ATS ने मुंबई क्राइम ब्रांच को लेकर इस जगह पर छापा मार कर करीब 15 किलो काले कलर का बिस्फोटक पावडर , कुछ जिलेटिन रॉड और केबल तार बरामद किया है , यह कार्यवाई गुरुवार सुबह से लेकर शाम तक चली। ATS ने इसका सैम्पल लेकर फोरेंसिक जाँच के लिए भेज दिया गया है।  ताकि यह पता लगाया जा सके की यह बिस्फोटक किस प्रकार का है और कितना घातक है .

      जिस खंडहर मकान में यह बिस्फोटक मिला है  इस मकान का निर्माण काम PWD विभाग द्वारा करीब 30 साल पहले करवाया गया था जिसे वह गोदाम के रूप में उपयोग करती थी लेकिन  नेशन हाइवे बनने  के बाद यह  मकान  पूरी तरह से खण्डहर हो चूका दरवाजा खिड़की गायब है  ऊपर के पत्रे  टूट चुके है और अब यह मकान लावारिस जैसा होगया है. जिसके कारण किसी ने इस मकान  का उपयोग बिस्फोटक छिपाने केलिए किया  है।

        खास बात यह की यह बिस्फोटक मनोर  पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाली  सफाले  वरई फाटा  पर बनी पुलिस चौकी से महज कुछ मीटर की दुरी पर मिला है ,   बड़ी मात्रा में मिले  विस्फोटक को लेकर जब पालघर पुलिस से जानकारी लेने की कोशिश की गयी तो उनका कहना  था  की इस बारे में हमें कोई जानकारी नहीं हमसे  ATS ने मद्दत माँगा था जिसे हमने दे दिया है । और इससे ज्यादा हमें कुछ नहीं पता ,

लोकल सुरक्षा एजेंसी हुयी फेल ?…………..

          मुंबई  ATS  की इस कार्यवाई  के बाद  पालघर जिले के पुलिस प्रशासन पर सवाल उठने लगे है की इतने बड़े बिस्फोटक की जानकारी मुम्बई के    ATS    को मिल जाती है लेकिन  जानकारी पालघर जिले के पुलिस  के गुप्त विभाग , पुलिस  अधिकरियो और क्राइम ब्रांच को नहीं मिलती। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की पालघर पुलिस पालघर जिले की सुरक्षा को लेकर कितना गंभीर है।  क्यू की पालघर जिले में तारापुर परमाणु केंद्र जैसे प्रमुख प्रोजेक्ट कार्यरत है साथ ही करीब 150 किलोमीटर का अरब  समुन्दर का किनारा भी है। वही  यह किस प्रकार के बिस्फोटक है आधिकारिक तौर पर इसकी  अभी तक  कोई पुष्टि नहीं की गयी है , न ही इस मामले में ATS ने  अभी तक किसी को गिरफ्तार किया है .

Related Articles

Back to top button
Close