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फसलों की कटाई के बाद अवशेष खेत में जलाने पर लगेगा दण्ड

गोरखपुर, 15 सितम्बर : किसान फसलों की कटाई के बाद जो फसल के अवशेषों को जला देते हैं। इससे खेतों में बहुमूल्य जैव पदार्थ जलकर नष्ट हो जाता है। वहीं भूमि की सतह गर्म होने तथा मृदा की भौतिक एवं रसायनिक संरचना प्रभावित होने से भूमि की उर्वरता पर भी प्रभाव पड़ता है। 

राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल द्वारा खेतों में फसल अवशेष के जलाने के कुप्रभाव को देखते हुए ऐसा करने वाले किसानों के उपर अब दण्ड लगेगा। फसल अवशेष जैव उर्जा का बहुमूल्य स्त्रोत है। इनके द्वारा कृषक वायोकोल, वायो सी.एन.जी. तथा वायो खाद आदि का निर्माण कर न केवल इनके जलाने के दुष्प्रभाव से मुक्ति पा सकते है। इससे अतिरिक्त आय भी प्राप्त की जा सकती है। 

उ.प्र. राज्य जैव ऊर्जा विकास बोर्ड द्वारा जैव उर्जा उत्पादन हेतु औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए 25 लाख तक की परियोजना लागत का 25 से 35 प्रतिशत अंश पूंजीगत अनुदान के रूप में तथा 25 लाख से 10 करोड़ तक के निवेश की इकाइयों को ब्याज उपादान की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। इकसे साथ ही एक करोड़ तक निवेश की औद्योगिक इकाइयों को सेन्ट्रल गारन्टी ट्रस्ट फार एम.एस.एम.ई. से सम्पर्क गारन्टी की भी की सुविधा उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की गयी है।

अधिक जानकारी के लिए राज्य समन्वयक व सदस्य संयोजक उ.प्र. राज्य जैव ऊर्जा विकास बोर्ड लखनऊ से मोबाइल नम्बर 9415004917, 9795843496 पर सम्पर्क किया जा सकता है।

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