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बढ़ने लगा घाघरा का जलस्तर, 140 बीघा खेत जलमग्न

बहराइच, 04 जुलाई : घाघरा का जलस्तर फिर तेजी से बढ़ने लगा है। नदी की लहरों में खेती योग्य जमीन भी जलमग्न हो रही है। महसी और कैसरगंज क्षेत्र में रात से अब तक लगभग 140 बीघा खेत नदी की लहरें लील चुकी है। कायमपुर प्राथमिक स्कूल का आधा भवन भी नदी की लहरों में समाहित हो चुका है। एक सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। नौ गांवों के मुहाने पर होने से ग्रामीण दहशत में है। अब तक कटान रोकने के कोई उपाय नहीं किए गए हैं।

बताया जा रहा है कि घाघरा नदी की स्थिति दिन प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है। एल्गिन ब्रिज पर नदी का जलस्तर 104.246 मीटर मापा गया। केंद्रीय जलायोग संस्थान के मापक जगदीश साहनी ने बताया कि एक सेंटीमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से नदी का पानी बढ़ रहा है। इसके चलते महसी तहसील क्षेत्र में नदी उफान की स्थिति में पहुंच गई है। नेपाल के पहाड़ों पर हो रही वर्षा के चलते जलस्तर मेेें तेजी से इजाफा हो रहा है। इसके चलते कटान बढ़ा है। इस समय नदी कायमपुर प्राथमिक स्कूल भवन को लील रही है। आधे से अधिक भवन नदी में समाहित हो चुका है।

इसके अलावा, स्कूल से 200 मीटर की दूरी पर स्थित गांवट माता का पूजित धर्मस्थल भी कटान की भेंट चढ़ गया। कायमपुर, चुरईपुरवा, मंगलपुरवा के 28 किसानों की 90 बीघा खेत भी नदी की लहरों की भेंट चढ़ चुका है। कटान तेज होने की सूचना प्रशासनिक अधिकारियों को दी गई है लेकिन अब तक कटान रोकने के लिए कोई उपाय नहीं किए गए हैं। जिसके चलते नदी निरंतर गांव की ओर बढ़ रही है। उधर कैसरगंज तहसील के विकास खंड जरवल अंतर्गत दिकोलिया गांव के निकट नदी की लहरों ने तबाही मचानी शुरू की है। गांव निवासी सरयू प्रसाद, रामदुलारे, बुधराम, खुशीराम, कन्हैयालाल, जोगेंद्र प्रसाद, आदि की लगभग 50 बीघे खेती योग्य जमीन नदी में समाहित हो गई लेकिन अब तक यहां भी कटान रोकने के लिए कोई उपाय नहीं किए गए हैं।

महसी के उपजिलाधिकारी नागेंद्र कुमार का कहना है कि नदी का कटान हो रहा है। अभी स्थिति गंभीर नहीं है। फिर भी राजस्वकर्मियों को नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। पल-पल की रिपोर्ट मिल रही है। जिन ग्रामीणों के घर और खेत का कटान में नुकसान होगा। उन्हें मुआवजा प्रदान किया जाएगा। 

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