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बिहार : इस बड़े अस्पताल में खपाई जाती थीं सबसे ज्यादा नकली दवाएं.

पटना, सनाउल हक़ चंचल-18 जून : लड़खड़ाती जिंदगियों से खेलने वाला नकली और एक्सपायरी दवा माफिया नीरज एंड फैमिली की प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में गहरी पैठ थी। प्रदेश के कोने-कोने और निजी अस्पतालों से यहां वाले अति गंभीर मरीजों की नकली दवाओं से मौत पर कोई हंगामा भी नहीं होता था। इमरजेंसी में सक्रिय दवा माफिया के दलाल डिस्काउंट पर दवाएं दिलाने का लालच दे नकली दवाएं बेचा करते थे।

पीएमसीएच के कर्मचारियों का काम दलालों को सहायता पहुंचाने के अलावा सरकारी आपूर्ति की अत्यधिक महंगी जीवनरक्षक दवाओं को नीरज तक पहुंचाना था। 2014 के बाद वर्ष 2017 की प्राथमिकी में भी सरकारी दवाओं और पीएमसीएच से नीरज के तार जुड़े हैं। 

सरकारी आपूर्ति की दवाएं खरीद, डॉक्टरों से लिखवाता था बाहर की दवा

ड्रग विभाग के अधिकारियों के अनुसार  पीएमसीएच में सरकारी आपूर्ति की अधिकांश महंगी दवाएं दवा स्टोर और वार्ड से रोगियों के बजाय सीधे नीरज के पास पहुंचती थीं। स्टोर में दवाएं खत्म होने की बात कह डॉक्टरों से बाहर की दवाएं लिखवाई जाती हैं। सरकारी दवाओं की रिलेबलिंग और कई बार दाम बढ़ाकर भी दोबारा मरीजों तक पहुंचाता था। 

किसको दीं महंगी दवाएं नहीं बता पाया पीएमसीएच

गत सात जून को श्री हनुमान एजेंसी पर  छापेमारी के दौरान पीएमसीएच में आपूर्ति किया गया 2500 प्रति वॉयल कीमत के मेरोपेनम मिला था। एक साथ सात सौ वॉयल सरकारी आपूर्ति का मेरोपेनम देख औषधि निरीक्षक जांच करने पीएमसीएच पहुंचे। कई दिन बाद बड़ी मुश्किल से 24 नवंबर 2016 से 02 अप्रैल 2017 तक के रिकार्ड में मात्र 21 मरीजों का ही  बीएचटी (बेड हेड टिकट) और ट्रीटमेंट चार्ट उपलब्ध करा सका। 

ड्रग विभाग ने जांच रिपोर्ट में लिखा  कि इंजेक्शन को अस्पताल के किसी विशेष कर्मियों की मिलीभगत व सहभागिता से सरकारी संपत्तियों का गबन निजी लाभ के लिए किया जा रहा है। इन कर्मियों से सांठगांठ कर उपयुक्त प्रतिष्ठान  कई वर्षों से महंगी जीवनरक्षक औषधियों की कालाबाजारी कर रहे हैं। ड्रग विभाग के अनुसार ये वे वॉयल हैं, जो छापेमारी के दौरान बरामद हुए। पूर्व कितने वॉयल बाहर सप्लाई कर दी गई इसका आंकड़ा  नहीं है। 

कई  प्रदेशों में करता था सप्लाई : 

वर्ष 2014 की प्राथमिकी के अनुसार नीरज एंड फैमिली देश के 27 प्रदेशों में एक्सपायरी दवाओं की आपूर्ति करता था। 

दिल्ली के 40 व्यापारियों से एक्सपायरी दवा मंगाता था नीरज

23 सितंबर 2014 को श्री हनुमान एजेंसी पर हुई प्राथमिकी में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए थे। उसमें औषधि विभाग ने 8 कूरियर कंपनी, दिल्ली के 40 बड़े दवा व्यवसायियों, नेपाल के वीरगंज अंचल के दवा व्यवसायी संघ के पदाधिकारी महेश प्रसाद साव समेत 80 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। नीरज दिल्ली के व्यापारियों से ही एक्सपायरी दवाएं मंगाता था। बताते चलें कि देश की सबसे बड़ी दवा मंडी भगीरथी प्लेस नई दिल्ली में ही है। 

खुद को बचने के लिए  रखता था तमाम प्रतिष्ठानों के पर्चेज बिल 

नीरज की दुकान और गोदामों में बिना बिल की दवाओं का भंडार रहता था। फौरी तौर पर औषधि निरीक्षकों को समझाने के लिए वह कई दवा प्रतिष्ठानों के खाली पर्चेज बिल अपने पास रखा करता था। 2014 में सासाराम, बेगूसराय, पूर्णिया चौक, पश्चिम बंगाल के आसनसोल, नालंदा और उत्तर प्रदेश के बस्ती के प्रतिष्ठानों के बिल मिले थे। 

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