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ब्रह्मचारिणी के दरबार में श्रद्धालुओं का तांता, चहुंओर जय माता दी की गूंज

वाराणसी, 22 सितम्बर( हि.स.)। शारदीय नवरात्र के दूसरे दिन शुक्रवार को भगवती ब्रह्मचारिणी के दरबार में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। कड़ी सुरक्षा के बीच ब्रह्मघाट (दुर्गाघाट)स्थित मां के दरबार में भोर से श्रद्धालु नर नारी दर्शन पूजन के लिए कतारबद्ध हो गए। श्रद्धालुओं ने उपवास रखकर मां दुर्गा के इस स्वरूप के समक्ष शीश नवा उनसे आशीर्वाद मांगा।

माना जाता है कि मां के इस स्वरूप की उपासना कर साधक एवं योगी स्वयं के मन को ‘‘स्वाधिष्ठान चक्र’ में स्थित कर अपनी मनोकामना पूर्ण करते हैं। मां दुर्गा की नौ शक्तियों का दूसरा स्वरूप ब्रम्हचारिणी का है। यहां ब्रह्म शब्द का अर्थ तपस्या है। ब्रह्मचारिणी अर्थात तप की चारिणी-तप का आचरण करने वाली। कहा भी गया है कि ‘‘वेदस्तवं तपो ब्रम्ह’ तात्पर्य वेद, तत्व एवं तप ब्रह्म शब्द के अर्थ हैं।

ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय एवं भव्य है। इनके दाहिने हाथ में जप की माला एवं बाएं हाथ में कमंडल रहता है। इनकी उपासना से मनुष्य में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की वृद्धि होती हैं। उधर घरों और मंदिरों में साधकों ने दुर्गा चालीसा दुर्गास्त्रोत्र, रक्षा स्तोत्र का पाठ करना लगातार शुरू कर दिया है।

शहर में राष्ट्र की समृद्धि और शांति के लिए भी अनुष्ठान किए जा रहे हैं। रंगोली से सजी वेदियों पर कलशों में आदि शक्ति स्वरूपा का आवाहन कर अखंड दीप लगातार जल रहे हैं। नवरात्रि के दूसरे दिन दुर्गाकुंड स्थित दुर्गा मंदिर में भी भक्तों की लंबी कतार लगी रही। पक्के महाल में मंगला गौरी के अलावा सिद्धिमाता मंदिर में भी भक्तों की भीड़ थी। 

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