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भगवान राम के विवाहोत्सव पर निकली भव्य शोभायात्रा, साधु-सन्त हुए शामिल

वाराणसी, 23 नवम्बर :  हर (बाबा विश्वनाथ) की नगरी में गुरुवार को उनके आराध्य भगवान राम (नारायण) के विवाह की धूम रही। अगहन मास के शुक्लपक्ष की श्री राम विवाह पंचमी तिथि पर अस्सी स्थित श्री रामजानकी मठ में भगवान राम के तीन दिनी विवाहोत्सव पर दूसरे दिन संत रामलोचन दास और महंत राजकुमार दास की देखरेख में अपरान्ह में प्रभु राम की बारात की भव्य शोभायात्रा निकाली गयी। इसमें हाथी, घोड़ा के साथ बग्घी पर चारों भाई के प्रतीक विराजमान होकर निकले। 

बैंड-बाजे सहित बारात की शोभायात्रा मठ से उठकर लंका, दुर्गाकुण्ड व रविन्द्रपुरी होते हुए वापस मठ पहुंची। मठ में देर रात तक मिथिला पद्धति से श्रीराम-जानकी विवाह की रस्में निभाई जाएंगी। विवाह शोभायात्रा में बड़ी संख्या में साधु संत श्रद्धालु शामिल हुए। इसी क्रम में खोजवा स्थित राम जानकी मंदिर में विवाहोत्सव की भव्य शोभायात्रा निकली। बारात गाजे बाजे के साथ खोजवां दहा चौक, नबाबगंज, दुर्गाकुण्ड होते हुए वापस मंदिर पहुंची। इसी तरह श्री संकट मोचन दरबार में भी नौ दिवसीय कार्यक्रम में मंहत प्रो. विश्वम्भर नाथ मिश्र की देख रेख में विवाहोत्सव प्रारम्भ हुआ। प्रात:काल संकटमोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भर नाथ मिश्र ने मानस पोथी, व्यास गादी व व्यास डा. राधाकांत ओझा का वेद मंत्रो के बीच पूजन व माल्यार्पण किया। 

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इसके बाद 111 ब्राह्मणों ने पूजन अर्चन कर मानस पाठ का शुभारम्भ किया। यजमान प्रेमचन्द्र मेहरा व उनके पुत्र तनु व मनु मेहरा ने महंत जी का माल्यार्पण कर पूजन किया। श्री रामविवाह पंचमी पर शुरू हुआ यह पाठ नौ दिनों तक चलेगा। पहले दिन बालकांड के दोहों व चौपाइयों से मंदिर प्रांगण गूंज उठा। इस अवसर पर संकटमोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्‍वम्‍भर नाथ मिश्र ने कहा कि प्रतिवर्ष भगवान श्रीराम के विवाह पर यह आयोजन होता है। (हि.स.)।

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