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महागठबंधन में जारी गतिरोध का पटाक्षेप, नीतीश फिर चुने गए मुख्यमंत्री,कल ले सकते है सपथ .

पटना, 26 जुलाई :  बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी के बाद से राज्य में सत्तारूढ़ महागठबंधन के दो बड़े घटक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल यूनाइटेड(जदयू) के बीच उत्पन्न गतिरोध का बुधवार की रात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उनके मंत्रिमंडल के इस्तीफे के साथ पटाक्षेप हो गया और भाजपा की ओर से नीतीश कुमार को नई सरकार बनाने के समर्थन के साथ ही राजनीतिक अनिश्चितता की स्थिति भी समाप्त हो गई ।

भ्रष्टाचार के मामले में कड़ा रुख अपनाने नीतीश कुमार की पार्टी ने  दिया गया थाअल्टीमेटम..

महागठबंधन के सबसे बड़े घटक राजद की ओर से तेजस्वी मामले पर कड़ा रुख अपनाने ,भ्रष्टाचार के मामलों के आरोपी तेजस्वी यादव के इस्तीफा नहीं देने की घोषणा के साथ ही जदयू और राजद के बीच विगत कुछ दिनों से जारी तनातनी की स्थिति थी और महागठबंधन में एक प्रकार का संकट छाया हुआ था। भ्रष्टाचार के प्रति अपनी जीरो टॉलरेंस नीति और स्वच्छ छवि को बनाए रखने के लिए नीतीश कुमार की पार्टी की तरफ से तेजस्वी यादव को अल्टीमेटम भी दिया गया था किंतु तेजस्वी के इस्तीफा नहीं करने के कारण नीतीश कुमार ने अपना राज्यपाल को इस्तीफा सौंप कर महागठबंधन में चल रहे संकट का ही पटाक्षेप कर दिया। 

नीतीश कुमार के इस्तीफे के साथ ही महागठबंधन और भाजपा दोनों सरकार बनाने के लिए अपने-अपने विकल्प तलाशना शुरू कर दिया है । दलीय स्थिति के हिसाब से राज्य अपने 80 विधायकों के साथ विधानसभा में सबसे बड़ा दल दिल तो है किंतु कांग्रेस के समर्थन के बलबूते यह सरकार बनाने में सक्षम नहीं है 1 

नीतीश कुमार के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को इस्तीफा सौंपने के कुछ घंटो के अंदर ही भाजपा ने नीतीश कुमार को नई सरकार बनाने के लिए अपना समर्थन दे दिया, जिससे सरकार पर आई अनिश्चितता की स्थिति भी समाप्त हो गई। भाजपा विधानमंडल दल की बैठक में नीतीश कुमार को समर्थन करने का फैसला लिया गया। 

आनन-फानन में भाजपा के विधायकों की नीतीश कुमार के बुलावे पर मुख्यमंत्री निवास एक अणे मार्ग में देर रात बैठक हुई। लंबी चली इस बैठक के बाद भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने बताया कि जदयू के 71 विधायक और भाजपा के 58 विधायकों समेत राजग जल्द ही राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश करेगा। मोदी ने कहा कि भाजपा नई सरकार में शामिल होगी। इस बीच राजग के सूत्रों ने बताया कि नई सरकार संभवता कल शपथ ले सकती है। 

मंत्रिमंडल में भारतीय जनता पार्टी की ओर से कौन-कौन से नेता शामिल होंगे इस विषय पर पार्टी के अंदर मंथन जारी है । भाजपा की ओर से मिल रही जानकारी के मुताबिक पार्टी के 14 नेता नीतीश कुमार की अगुवाई में बनने वाली नई सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं 1
इधर नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से राष्ट्रीय जनता दल के अंदर नाराजगी दिखी और इसके कार्यकर्ता राजधानी के अति सुरक्षित क्षेत्र 10 सर्कुलर रोड पर जमकर हंगामा और नारेबाजी की। नीतीश कुमार के इस्तीफे की खबर मिलते ही लालू यादव के आवास के बाहर राजत के कार्यकर्ताओं का देर रात तक हंगामा चलता रहा। इस बीच चारा घोटाला के एक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत में पेश होने के लिए लालू यादव झारखंड के रांची के लिए रवाना हो गए। 

इससे पहले राजद विधानमंडल दल की बैठक के बाद लालू यादव ने तेजस्वी का इस्तीफा नहीं देने के अपने निर्णय को दोहराते हुए कहा था कि नीतीश कुमार को उन्होंने मुख्यमंत्री बनाया था और यदि वे पद का बोझ नहीं हो सकते तो वह जाने। तेजस्वी यादव ने भी कहा था कि नीतीश कुमार ने उनसे इस्तीफा देने की कभी बात ही नहीं कही और जनता दलयू कोई पुलिस नहीं कि वह उसे अपनी कोई सफाई पेश करें।
नीतीश कुमार के इस्तीफा सौंपने के बाद लालू यादव ने जदयू राजद और कांग्रेस के विधायकों से अपना नया नेता चुनकर नई सरकार में मुख्यमंत्री बनाने की अपील की थी। लालू यादव ने संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा कि महागठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते राजद मुख्यमंत्री पद की दावेदार है। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव दोनों को छोड़कर लालू यादव ने किसी तीसरे व्यक्ति को नया नेता चुनने को कहा था। 

नीतीश कुमार और लालू यादव दोनों के करीबी रह चुके सामाजिक नेता शिवानंद तिवारी ने नीतीश कुमार को लालू यादव से बातचीत कर महागठबंधन में जारी गतिरोध को समाप्त करने की सलाह देते हुए धमकी भरे लहजे में कहा था कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो नीतीश कुमार के भी गड़े मुर्दे उखड़ेंगे । भारतीय जनता पार्टी की ओर से मिल रही जानकारियों के अनुसार नई सरकार का शपथ ग्रहण संभवत कल शाम 5:00 बजे होगा। हालांकि इस बीच राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी के अस्वस्थ होने की सूचनाएं मिल रही हैं । 

उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा सौंपने से पूर्व राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और महा गठबंधन के एक अन्य घटक कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और बिहार मामलों के प्रभारी सीपी जोशी को अपने इस्तीफे की जानकारी दी थी। बाद में पत्रकारों के साथ बातचीत में उन्होंने कहा था की अंतरात्मा की आवाज पर उन्होंने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दिया। उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार 20 महीने से भी अधिक समय तक चली और जितना संभव हुआ उन्होंने गठबंधन धर्म का पालन करते हुए जनता से चुनाव के समय किए गए वादों को पूरा करने की कोशिश भी की । नीतीश कुमार ने कहा कि हाल के दिनों में जिस तरह की चीजें सामने आयी, उन परिस्थितियों में महागठबंधन का नेतृत्व करते हुए सरकार में रहकर काम करना संभव नहीं था। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में माहौल कुछ ऐसा बन गया था कि हर तरफ तेजस्वी यादव के मुद्दे पर ही चर्चा हो रही थी। 

कार्यवाहक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने रास्ता निकालने की कोशिश भी की और उस सिलसिले में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से भी मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव से भी लगातार बातचीत होती रहती थी किंतु गतिरोध का कोई समाधान नहीं निकला। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव यदि सफाई दे देते तो राजनीति में उनका कद बहुत ऊंचा हो जाता। (हि.स. )

आगे पढ़े : नीतीश पर लालू यादव का वार कहा , नीतीश अपने वादे से मुकरे , भ्रष्टाचार से बड़े हत्या के मामले में है आरोपी

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