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महाराष्ट्र : डॉक्टरों ने बिना ऑपरेशन के एण्डोस्कोपी द्वारा मरीज के पेट से निकाले 72 सिक्के .

केशव भूमि नेटवर्क ,03 दिसम्बर(महाराष्ट्र) : मुंबई से पालघर जिला के तलासरी तहसील के रहने वाले 50 साल के कृष्णा सोमल्या सांबर नामक आदिवासी व्यक्ति के पेट से डॉ. अमित केले व उनकी टीम ने एण्डोस्कोपी द्वारा 72 सिक्के ,वायसर ,बोल्ट निकाला है .जिसके बाद इस मरीज की हालत एक दम ठीक बताई जा रही है .  

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मरीज के पेट से डॉक्टरों द्वारा निकाले गए सिक्के

बता दे कि आप ने ऑपरेशन से जुड़े कई मामले देखें होंगे, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे ऑपरेशन से जुड़े मामले के बारे में बताने जा रहे है.  जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे. कृष्णा सोमल्या सांबर नामक व्यक्ति तलासरी तहसील में स्तिथ थोरात पाड़ा में अपने पत्नी ,बहन व 5 बच्चो के साथ रहता है .वह करीब 20 सालो से बीमार चल रहा था और उसकी मानसिक स्तिथ ठीक नहीं थी .जिसके कारण उसे काफी दिनों से मेटल की चीजे खाने की आदत पड़ गई थी, और वह 1,2,5,व 10 रूपये, के  सिक्के .वायसर व अन्य मेटल का सामान जो भी मिला उसे खाता रहता था . जिसमे कुछ सिक्के व अन्य चीजे शौचालय के दौरान बाहर निकल गई .लेकिन कुछ सिक्के व अन्य चीजे उसकी आंत में ही अटक कर रह गई.

जिसके कारण पिछले तिन सालो से उसे उल्टी होती थी और जो भी चीज वह खाता था वह उसे हजम नहीं होता था .जिसके लिए उसने कई अस्पतालो में इलाज भी करवाया लेकिन उस इलाज का कोई फायदा नहीं हुआ .इस दौरान वह केवल पानी और जूस के सहारे चल रहा था . करीब 3 पहले अचानक उसकी तबियत काफी बिगड़ गई जिसके बाद उसके एक पहचना वाले ने उसे नाशिक में कॅनडा कॉर्नर पर स्तिथ कृष्णा नामक प्राईवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया.इस हॉस्पिटल के सर्जन व एण्डोस्कोपीतज्ज्ञ डॉ़ अमित केले ने कृष्णा के पेट का एक्सरे किया तो पता चला की उसकी आंत में कुछ धातु के टुकड़े अटके हुए है .उसके बाद डॉ.केले ने एण्डोस्कोपी का निर्णय लिया उसके बाद पता चला की उसकी आंत में कुछ सिक्के अटके हुए है .

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दुर्लभ रोग मेटलोफगिया से पीड़ित कृष्ण सोमलया सांबर

जिसके बाद डॉ. अमित केले व उनकी टीम ने बिना कोई ऑपरेशन के एण्डोस्कोपी द्वारा उसके पेट से 1,2,5,10 रूपये व,25 पैसे के 72 सिक्के ,वायसर ,बोल्ट निकाला, जिसमे विदेशी सिक्का भी शामिल है. इलाज के बाद रविवार को कृष्णा सोमल्या सांबर हॉस्पिटल से छुट्टी मिल गई .इस घटना में खास बात यह देखने को मिला की इसमें हॉस्पिटल का नाम भी कृष्णा है और मरीज का नाम भी कृष्णा है जिसे देखते हुए आप कह सकते है कि कृष्णा ने किया कृष्णा का इलाज . 

मेटलोफगिया नामक दुर्लभ रोग से ग्रस्त था पीड़ित..

नाशिक में स्तिथ कृष्णा हॉस्पिटल में ऑपरेशन करने वाली टीम के प्रमुख डॉ. अमित केले ने बताया कि कृष्ण सोमलया सांबर दुर्लभ रोग मेटलोफगिया से पीड़ित था. इस रोग से ग्रस्त मरीजों में धातु की चीजें निगलने की प्रवृति होती है .केले ने बताया कि सांबर करीब 20 साल से इस रोग से पीड़ित था. उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन करीब साढे तीन घंटे चला.

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