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मिशन का लक्ष्य हर मानव को ब्रह्म ज्ञान कराना: सविंदर कौर

देहरादून, 16 अगस्त : निरंकारी मिशन का लक्ष्य हर मानव को ब्रह्म ज्ञान कराना है, जिससे जीते जी मुक्ति संभव है। मुक्ति को प्राप्त करने वाले हर मानव के लिए मुक्ति पर्व एक सुनहरा अवसर है। सन्त निरंकारी मिशन के तत्वाधान में आयोजित विशाल सन्त समागम का आयोजन रेस्टकैम्प निरंकारी सत्संग भवन में किया गया, जहां मसूरी से पधारी ज्ञान प्रचारक सविंदर कौर (स्याणी जी) ने मुक्ति पर्व के मौके पर यह बातें कही।

कौर ने कहा कि सन्त निरंकारी मिशन द्वारा हर वर्ष 15 अगस्त के दिन मुक्ति पर्व निरंकारी मिशन के सूत्रधार बाबा बूटा सिंह, युगपुरुष बाबा अवतार सिंह, जगत माता बुद्धवंती, बाबा गुरूवचन सिंह, राजमाता कुलवन्त कौर, निरंकारी बाबा हरदेव सिंह महाराज आदि बलिदानी सन्तों महापुरुषों की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने निरंकारी मिशन के प्रचार-प्रसार में अन्तिम सांसे लगा दी। जहां पूरा देश आजादी का पर्व मनाता है। 

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सविंदर कौर ने कहा कि सदगुरु संसार में मानव कल्याण के लिए धर्म, जाति, सम्प्रदाय से परे होता है। हर एक जीव का कल्याण करके उन्हें जीवन मुक्ति प्रदान करते है, जिससे उनका जीवन सुखमय हो जाएगा। संसार में लोग कोई सुन्दर तस्वीर लेकर आता है, तो लोग उसके बारे में पूछता है कि यह कहां से लाये, कितने की है। ठीक ऐसे ही जो सत्य परमात्मा के साथ जुड़ जाते हैं, परमात्मा की पहचान कर लेते हैं, उनके जीवन में बदलाव को देखकर लोग उनसे प्रश्न करते हैं कि आप किस गुरु के पास जाते हो। 

कौर ने कहा कि कहा कि सदगुरु की सिखलाई से जीवन में प्रेम, नम्रता, सहनशीलता के दिव्य गुणों को जीवन में भर कर निरोग बना रहा है। जीव जब तक निराकार ब्रह्म की अनुभूति नही करता, वह आवागमन के चक्र में फंसा रहता है। इस आवागमन से मुक्ति परमात्मा के बोध से प्राप्त होता है। यही जीवन मुक्ति है, जो अज्ञान से निजात दिलाती है। सदगुरु मुक्ति का दाता होता है, जो हमें माया के बन्धनों से मुक्त कराकर संसार में विचरण करने की विधि बताता है। गुरु के वचन को मानकर ही जीवन में संशयों से मुक्ति मिलती है। 

सत्संग समापन से पूर्व अनेको सन्तो-भक्तों ने अपनी-अपनी स्थानीय भाषा का सहारा लेकर गीतो, प्रवचनों के द्वारा संगत को निहाल किया। इस अवसर पर संयोजन कलम सिंह रावत, सेवादल संचालक मंजीत, मोलूराम आर्य, सुशीला रावत, पिंकी आदि महापुरुषो ने अपने विचार व्यक्त किये। मंच संचालन रवि आहुजा जी ने किया।

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