खबरेमहाराष्ट्रमुंबईराज्य

मुंबई में फिर से शुरू होगा डांस बार, दुबारा खुलने पर बार बलाओं ने जताई खुशी, विपक्ष ने साधा सरकार पर निशाना

मुंबई (17 जनवरी): सुप्रीम कोर्ट से डांस बार शुरू करने की हरी झंडी मिलने के बाद जहां महाराष्ट्र की सियासत में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. वहीं तमाम डांस बार मे काम करने वाली महिलाएं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत कर रही है, लड़कियों के मुताबिक यह फैसल उनके लिए एक नया जीवन दान है. जिसकी लड़ाई पिछले साढ़े तेरह सालों से लड़ी जा रही थी।

बार में काम करने वाली इन महिलाओं के मुताबिक डांस बार पर पाबंदी के बाद क्या कुछ नही झेला इन लोगो ने कई इनकी दोस्तों ने सुसाइड कर लिया तो कइयों गांव में जाकर बस गयी कइयों के घर की समस्याओं ने उन्हें गलत रास्ते पर जाने के लिए मजबूर कर दिया। 

अब बार में काम करने वाली यह महिलाए और लडकिया कोर्ट के इस फैसले का स्वागत कर रही है. उनको उम्मीद है की अब इनकी जिंदगी की गाड़ी फिर से पटरी पर आ जायेगी, रही बात अश्लीलता की तो इनका कहना है हम मेहनत करेंगे खूब पर अश्लीलता नही यहां मेहनत करके पेट पालने आएंगी। साल 2005 में जब बैन लगाया गया था यह सोच कर ही ये सभी डर जाती है क्या बुरा हाल हो गया था, लेकिन अब उम्मीद है। सब अच्छा हो जाएगा घर चलाने में आसानी होगी।

बार ओनर एसोशिएशन व डांस बार के मालिक प्रवीण अग्रवाल ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा की कोर्ट का यह सराहनीय फैसला है। अब सरकार को जल्द से जल्द लागू करने देना चाहिए लायसेंस जरूरी जो है दिए जाएं जिससे फिर से डांस बार शुरू किया जा सके। समय अवधि को लेकर थोड़ी नाराजगी है कि 11.30 तक रात की परमिशन को 1.30 बजे रात तक होता तो बहुत ही अच्छा था। 2005 में 1260 डांस बार थे, कुछ के पास लाइसेंस नहीं थे, सरकार ने नही दिए थे, कोर्ट से सटे लेकर उस वक्त चलाया गया था।

वहीं विपक्ष इस मामले में सरकार पर सवाल खड़े कर रहा है और बार वालो के साथ मिली भगत की बात कह रहा है। कांग्रेस एनसीपी दोनों ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा डांस बार पर दिए गए फैसले पर एनसीपी नेता चित्रा वाघ ने नाराजगी जताई, कहा कोर्ट का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है।

बीजेपी नेता अमरजीत मिश्रा ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए सभी आरोपों को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ही सरकार में डांस बार बन्द करने की पहल हुई थी हमने उस वक्त भी आंदोलन किया था सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करना गलत है जिस तरह के निर्णय आ रहे है ऐसा लगता है इन्हें की प्रायोजित है तो यह ग़लत है कोर्ट के फैसले पर ये लोग सवाल खड़े कर रहे है जो ग़लत है। 

 

केशव भूमि नेटवर्क ,पालघर : स्वास्थ्य मंत्री एकनाथ शिंदे की कुर्सी टूटी ,कुर्सी नही सह पाई डबल मंत्री के पद का बोझ ,बाल बाल बचे मंत्री जी……..

Related Articles

Back to top button
Close