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मुझे बदनाम करने के लिए पर राजकीय षडयंत्र के तहत झूठा मामला दर्ज करवाया गया -पानप विरोधी पक्ष नेता मकरंद पाटिल

केशव भूमि नेटवर्क : पालघर नगर परिषद के एनसीपी के नगर सेवक व विरोधी पक्ष नेता मकरंद पाटिल ने KBN10 न्यूज़ को मुलाकात देते हुए बताया कि मुझे और मेरी पत्नी नगरसेविका डॉ. श्वेता मकरंद पाटील को बदनाम करने के लिए  राजकीय षडयंत्र के तहत हम दोनों पर झूठा मामला दर्ज करवाया गया है। जबकि की महिला ने जिस दिन मुझ पर और मेरी पत्नी पर मारपीट का आरोप लगाते हुए पालघर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करवाया है उसके एक दिन पहले मैं मेरे परिवार के साथ कोल्हापुर गया हुआ था जिसका मेरे पास पुख्ता सबूत भी है.

बता दे कि पालघर नगरपालिका के विरोधी पक्षनेता मकरंद पाटिल और नगरसेविका डॉ. श्वेता मकरंद पाटील इनके उपर शनिवार दि 16/6/18 शाम के समय पालघर पुलिस स्टेशन मे एक महिलाने मारपिट का मामला दर्ज किया है, वही नगरसेविका डॉ. श्वेता मकरंद पाटील ने भी उस महिला पर धोकाधड़ी और मारपिट का मामला दर्ज किया है.

हालांकि मामला 9/6/18 शनिवार के दिन मकरंद पाटील के साले और वासुदेव डेअरी के मालिक के साथ इस पीडित महिला के झगडे को लेकर है.

वही विरोधी पक्षनेता मकरंद पाटील का कहना है ये सभी मामला राजकीय षडयंत्र और झूठा है. शनिवार 9/6/18 को जब ये हादासा हुवा तब मै और मेरी पत्नी अपने बच्चोंके साथ पालघर के बाहर कोल्हापूर में था, और मेरे पास इसका पुख्ता सबूत उनके पास है और वो मंगलवार दि. 12/6/18 को उस प्रभाग के नगरसेवक के नाते झगडा और आपसी मतभेद छुडाने के लिये गये थे.

मेरा उस महिला से इसके पहले कोई परिचय नही था और अगर बात 9/6/18 की है तो मामला दर्ज करने के लिये 16/6/18 तारीख मतलब वारदात के बाद 7 दिन इतना समय क्यू लगा और इसके पीछे कौन है उस पर मै कोई टिपणी नही करना चाहता.लोंगो का हमारे उपर भरोसा है और रहेगा…

वहीं उनके साले का कहना है,9 जून 2018 को पीड़ित महिला का वासुदेव डेयरी के मालिक के साथ बिल्डिंग के सामने आने जाने के ऊपर झगड़ा हुआ था और उस झगड़े में पीड़ित महिला द्वारा मकरंद पाटील का नाम उठा ले जाने पर जब उस पीड़ित महिला को सवाल किया तो उन्होंने मकरंद पाटील को भला बुरा कहा और मुझ पर 2 साल पहले 60 रू का केक खा कर पैसे ना देने का आरोप किया. पर मैंने उसी वक्त ₹ 60 के बजाय उस महिला को ₹120 दिए. वह देते वक्त मैंने ₹500 की नोट उस महिला को दी और उसने मुझे ₹380 वापस किए.

 इसका मतलब 2 साल पहले खाए हुए ₹ 60 के केक का उस पीड़ित महिला ने मुझसे ₹120 लिए जबकि 2 साल पहले मैं ऑस्ट्रेलिया में था तो वहां केक खाने कौन आया था यह मेरा सवाल है…?

वहीं सूत्रों के अनुसार और एक बात सामने आई है कि पीड़ित महिला प्रतिमा तरे और मकरंद पाटील इन दोनों परिवारों के बीच आपसी समझौता हो गया है और इन दोनों ने पुलिस के सामने अपनी शिकायत गलतफहमी की वजह से बताते हुए अब कोई भी मनमुटाव नहीं है और सब कुछ शांतिपूर्ण है ऐसा बताया है और दोनों परिवार वालों ने इस मामले को लोगों के बीच ना उछालने का विनम्र आवाहन किया है. 

आगे पढ़े :जम्मू कश्मीर में टूटा पीडीपी-भाजपा गठबंधन, महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल को सौंपा इस्तीफा

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