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राजनाथ ने अकेले एक घंटे में पाकिस्तान की निकाल डाली हवा। ..

नई दिल्ली (4 अगस्त):गृहमंत्री राजनाथ सिंह अकेले ही पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर लताड़ कर हिंदुस्तान लौट आए हैं। यहां तक की राजनाथ सिंह सार्क सम्मेलन के लंच में भी शामिल नहीं हुए, वो पाकिस्तान की जमीन पर 20 घंटे से भी कम रहे। तो पाकिस्तान के गृह मंत्री ने कहा कि राजनाथ सिंह ने उनके देश का नाम नहीं लिया।

कुछ दिनों पहले राजनाथ सिंह ने संसद में पाक के खिलाफ जोरदार बयान दिया था। उनका यही तेवर पाकिस्तान में चल रही सार्क मंत्रियों की बैठक में दिखा, लेकिन हिंदुस्तान के गृह मंत्री का भाषण दुनिया के सामने नहीं आ सका।हिंदुस्तान के गृह मंत्री राजनाथ सिंह पाकिस्तान की जमीन पर 20 घंटे से भी कम रहे। लेकिन, इस 20 घंटे तक पाकिस्तान की सांसें फुली रहीं।
नवाज शरीफ सरकार के मन में हमेशा यही डर रहा कि सार्क के मंच ने न जाने राजनाथ सिंह क्या-क्या खरी-खोटी सुना जाएं? सार्क की मीटिंग में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का भाषण दिखाया गया।वहां के गृह मंत्री निसार चौधरी के भाषण को प्रसारित किया गया।
लेकिन राजनाथ सिंह की खरी-खरी टीवी पर नहीं दिखाई गयी।अपने भाषण के दौरान राजनाथ ने कहा…
अच्छा आतंकवाद और बुरा आंतकवाद नहीं होता और ना ही अच्छे आतंकवादी और बुरे आतंकवादी होते हैं।आतंकियों का शहीदों की महिमामंडन नहीं होना चाहिए।आतंकवाद को बढ़ावा देने और पनाह देने वाले देशों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। सिर्फ आंतक की आलोचना काफी नहीं। आतंक को बढ़ावा देने वाले देशों को अलग करें।कश्मीर घाटी में बुरहान वानी के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद से पाकिस्तान के रवैये से खफा राजनाथ सिंह ने नवाज शरीफ पर निशाना साधा।किसी भी आतंकवादी का शहीदों की तरह गुणगान और महिमामंडन नहीं होना चाहिए।

पाकिस्तान को करारा जवाब देने के बाद राजनाथ सिंह ने सीधे दिल्ली की फ्लाइट पकड़ ली, लेकिन पाकिस्तान की बेशर्मी का एक ट्रेलर राजनाथ सिंह के दिल्ली पहुंचने के कुछ देर बाद दिखा। जब वहां के गृह मंत्री निसार चौधरी मीडिया के सामने आए और कह दिया कि भारत ने तो पाकिस्तान का नाम ही नहीं लिया। हिंदुस्तान ने सार्क के मंच की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए, पाकिस्तान का नाम नहीं लिया, लेकिन बगैर नाम लिए ही राजनाथ सिंह ने पूरी दुनिया को बता दिया कि पाकिस्तान कैसे आतंकियों की फैक्ट्री चलाता है?कैसे नवाज शरीफ की सरकार आतंकियों की हेडमास्टर बनी हुई है? लेकिन, बड़ा सवाल ये है कि नवाज शरीफ और निसार चौधरी को कैसी भाषा समझ में आती है?

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