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राफेल डील: राहुल गांधी का मोदी पर नया हमला , बोले – अनिल अंबानी को दिए पैसे….

दिल्ली. राफेल डील को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर नया हमला किया है. राहुल गांधी ने कहा है कि राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉ एविएशन के सीईओ ने कहा था कि अनिल अंबानी की कंपनी को ऑफसेट पार्टनर इसलिए बनाया क्योंकि उनके पास जमीन थी. कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि दसॉ ने 284 करोड़ रुपये दिए और अंबानी ने उसी पैसे से जमीन खरीदी. राहुल ने तंज कसते हुए कहा कि दसॉ केवल मोदी को बचा रही है और जांच होगी तो पीएम नहीं टिक पाएंगे. राहुल ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें रात में नींद नहीं आ रही, वह टेंशन में हैं कि पकड़े जाएंगे.

‘अंबानी की 8 लाख की कंपनी को दिए 284 करोड़’

राहुल गांधी ने दस्तावेज दिखाकर आरोप लगाया कि दसॉ ने अनिल अंबानी की उस कंपनी को 284 करोड़ रुपये दिए जिसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 8 लाख रुपये था. राहुल ने कहा कि दसॉ ने जो पैसे दिए अनिल अंबानी ने उसी से जमीन खरीदी. अब दसॉ सीईओ कह रहे हैं कि जमीन होने की वजह से अनिल अंबानी की कंपनी को काम मिला, एचएएल को नहीं. राहुल ने सवाल किया कि दसॉ ने एक ऐसी कंपनी में पैसा क्यों डाला जो कोई काम नहीं कर रही थी और लॉस मेकिंग थी. राहुल ने इस पैसे को भ्रष्टाचार की पहली किस्त कहा.

घोटाले में मोदी शामिल नहीं होते तो खामोश क्यों हैं: राहुल

राहुल गांधी ने सीधे पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा कि राफेल डील में हुआ घोटाला ओपन एंड शट केस है. उन्होंने कहा कि इसमें दो व्यक्ति की पार्टनरशिप है. अनिल अंबानी और नरेंद्र मोदी की पार्टनरशिप है. राहुल ने कहा कि अगर पीएम मोदी इसमें शामिल नहीं होते तो कहते आपको कि जांच करा लो, सीबीआई से करा लो सुप्रीम कोर्ट से करा लो, लेकिन चौकीदार खामोश है. राहुल ने तंज कसते हुए कहा कि उनको रात को नींद नहीं आ रही है, उनको टेंशन है कि पकड़े जाएंगे. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील पर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए मोदी सरकार से कीमत संबंधी जानकारियां मांगी हैं. हालांकि सरकार के सूत्रों के मुताबिक सरकार ये जानकारियां सुप्रीम कोर्ट को नहीं देगी. सरकार सीक्रेसी पैक्ट का हवाला दे रही है. इस सवाल पर राहुल ने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति से मैंने पूछा था कि जिस जनता के पैसे से राफेल खरीदा जा रहा है उसे उसकी कीमत जानने का हक क्यों नहीं है. राहुल ने कहा कि फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति मैक्रॉन ने कहा था कि प्राइसिंग सीक्रेसी पैक्ट का हिस्सा है ही नहीं.

‘अगर जानकारी नहीं दे सकते तो ऐसे कहते हुए हलफनामा दाखिल करें’

बता दें कि राफेल डील में कथित घोटाले के आरोप लगा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यी बेंच ने सरकार से राफेल विमान की कीमत से संबंधित जानकारियां मांगीं. इसपर अटर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने बेंच के सामने कहा था कि यहां तक कि फुली-लोडेड राफेल जेट की कीमतों के बारे में संसद तक को नहीं बताया गया है. इस पर बेंच ने अटर्नी जनरल से कहा कि यदि यह विवरण इतना ‘विशेष’ है और इसे न्यायालय के साथ भी साझा नहीं किया जा सकता है तो केंद्र को ऐसा कहते हुए हलफनामा दाखिल करना चाहिए.

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