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राष्ट्रगान पर बोले अनुपम खेर , सिर्फ 52 सेकेंड के लिए राष्ट्रगान के लिए खड़े नहीं ……..

मुंबई, 30 अक्तूबर,  देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा सिनेमाघरों में राष्ट्रगान के दौरान खड़़े होने को अनिवार्य न बनाने के फैसले को लेकर बालीवुड के सितारों के विचार लगातार आ रहे हैं। अब इस मामले को लेकर अनुपम खेर की प्रतिक्रिया सामने आई है।

जहां एक ओर विद्या बालन और गायक सोनू निगम जैसी हस्तियों ने राष्ट्रगान को ही सिनेमाघरों में न बजाने की पैरवी की है, वहीं अनुपम खेर का मानना है कि इसे अनिवार्य रखने की सोच का विरोध करने वालों के साथ वे नहीं हो सकते। पुणे में प्रमोद महाजन स्मृति पुरस्कार लेने आए अनुपम खेर ने राष्ट्रगान को अनिवार्य करने का विरोध करने वालों को लताड़ते हुए कहा कि ये राष्ट्र भावना का अपमान है।

अगर कोई व्यक्ति खुशी खुशी होटल में खाना खाने के लिए लाइन में लग सकता है। अगर कोई फिल्म देखने के लिए टिकट खिड़की की लाइन में लगने में कुछ बुरा नहीं मानता, तो सिर्फ 52 सेकेंड के लिए अपने देश के राष्ट्रगान के सम्मान में खड़े होने में किसी को क्या दिक्कत होती है और अगर किसी को दिक्कत होती है, तो मेरी नजर में उसकी मानसिकता में दिक्कत है।

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अनुपम खेर ने कहा कि वे कट्टरता के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन राष्ट्रप्रेम के साथ किसी तरह के समझौते के पक्ष में न कभी रहे हैं और न कभी रहेंगे। अनुपम खेर को हाल ही में सरकार ने पुणे के फिल्म इंस्टिट्यूट का चेयरमैन बनाया है। बालीवुड में अनुपम खेर को केंद्र की भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रमुख समर्थकों में माना जाता है। (हिंस) ।

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