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विश्व मंच पर गूंजी खिचड़ी

नई दिल्ली, 04 नवम्बर : सबसे सस्ता और सुपाच्य भोजन खिचड़ी का नाम आज गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्डस में दर्ज हो गया। वर्ल्ड फूड इंडिया-2017 के दौरान यह नया रिकार्ड बनाया गया। इस अवसर पर योगगुरू बाबा रामदेव विशेष तौर पर उपस्थित रहे। कार्यक्रम का आयोजन भारतीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की ओर से किया गया था। खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस अवसर पर कहा कि गुरू परब के अवसर पर भारत की विश्व को इससे अच्छी देन नहीं हो सकती।

बाबा रामदेव के तैयार खिचड़ी में पल्टा चलाकर और तड़का लगाकर इस आयोजन में भूमिका निभाई। खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने उन्हें विशेष तौर पर आमंत्रित किया था। इंडिया गेट के पास विशेष तौर पर नई तकनीकी से यह खिचड़ी तैयार की गई। इसके लिए विशेष पात्र मंगाए गए। इस सारे आयोजन पर स्वामी रामदेव ने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा पर भरतीय व्यंजन खिचड़ी का विश्व स्तर पर मान स्थापित हुआ है। स्वामी रामदेव ने कहा कि सदियों से खिचड़ी ग़रीब से लेकर अमीर तक का आहार रहा है। यह बहुत पौष्टिक व बिटामिन से भरपूर होता है। एक अकेली खिचड़ी ही सम्पूर्ण आहार होती है। इसे स्वस्थ मनुष्य से लेकर रोगी तक खा सकता है।

स्वामी रामदेव ने याद दिलाया कि आज जो खिचड़ी बनी है उसमें घी पतंजलि का ही पड़ा है। उनका कहना था कि वे भी किसान के बेटे हैं। किसानों की कमाई बढ़ाने में यह खाद्य़ प्रसंस्करण उद्योग पर ध्यान केन्द्रित करना बहुत लाभदायक होगा। इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी। फलों और सब्जियों का समुचित उपयोग होगा, वह बर्बाद नहीं होगी। इसलिए पतंजलि ने 10 हजार करोड़ रुपये की लागत से मेगा फूड पार्क शुरू किया है।

इस अवसर पर खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने वहां उपस्थित लोगों से हाथ उठाकर बताने को कहा कि किसने कभी खिचड़ी नहीं खाई है। एक भी हाथ नहीं उठा। हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि उत्तर से लेकर दक्षिण और पूरब से लेकर पश्चिम तक सब जगह देश में खिचड़ी किसी न किसी रूप में हमारे भोजन का अंग है। यह सबसे सस्ता और सुपाच्य होने के साथ स्वास्थयवर्धक भी है। इसलिए हमने वर्ल्ड फूड फेस्टिवल में इसको विश्व मंच पर उतारने का विचार आया। यह संयोग ही है कि यह गुरू नानक देव जी की जयंती के दिन संभव हुआ। 

हरसिमरत कौर बादल ने बताया कि यहां जो ८०० किलो से ज़्यादा खिचड़ी तैयार हुई है, उसे स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से दिल्ली की पिछड़ी और ग़रीब बस्तियों में बंटवाया जाएगा। एक अनुमान के अनुसार दस हजार लोग इस खिचड़ी को खाएँगे। (हि.स.)।

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