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शिव नगरी में कान्हा के जन्मोत्सव की तैयारियां जोरों पर

वाराणसी, 12 अगस्त : काशी पुराधिपति बाबा विश्वनाथ की नगरी में कान्हा के जन्मोत्सव की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। शहर के प्रमुख चौराहों पर कान्हा के छोटी-छोटी मूर्तियों के साथ खिलौनों फूल-लतर-पहाड़-झरने की अस्थायी दुकानें सज गई हैं। मठ मंदिरों के साथ घरों में भी जन्मोत्सव की तैयारियों के साथ साफ सफाई होने लगी है।

शनिवार को दुर्गाकुण्ड स्थित इस्कॉन मंदिर में तीन दिवसीय समारोह के साथ झांकियों को सजाने का काम चलता रहा। उधर महमूरगंज स्थित हरे कृष्ण हरे राम संकीर्तन सोसाइटी में भी जन्मोत्सव की तैयारियां चलती रही। सोसाइटी के महंत अधोक्ष दास ने बताया कि जन्मोत्सव में के पूर्व भव्य शोभायात्रा निकालने के बाद शाम को भजन कीर्तन भी शुरू हो जाएगा। इसके अलावा जिले के सभी थानों के साथ पुलिसलाइन और जिला कारागार में भी नटवरनागर का जन्मोत्सव मनाने की तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही थी।

शहर के पक्के महाल और विश्वनाथ गली सहित ठाकुर जी के परम्परागत मुकुट श्रृंगार पोशाक से लकदक दुकानों में मूर्तियों और पोशाक की खरीद-फरोख्त जोर-शोर से हो रही है। पर्व की खास बात यह है कि जन्मोत्सव के दौरान ही स्वतंत्रता दिवस भी है। ऐसे में कान्हा के भक्त देशप्रेम के भाव में डूब गए हैं। ऐसे में अपने आराध्य के प्रेम में भी देश भक्ति का रंग भरने की तैयारी में है। कान्हा के जन्मोत्सव के सजावट में इस बार देश भक्ति का भी पुट देखने को मिलेगा।

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ज्योतिषविद डॉ. राजकिशोर पांडेय और काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के सदस्य प्रख्यात ज्योतिषाचार्य पं. प्रसाद दीक्षित के अनुसार के अनुसार कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि 14 अगस्त को सायं 05:40 पर लगेगी जो 15 को अपराह्न 03:26 तक रहेगी। रोहिणी नक्षत्र 15 को रात्रि 01:27 पर लगेगी जो 16 को रात्रि 11:50 तक रहेगी। ऐसे में स्मार्तजन यानि गृहस्थ श्रद्धालु 14 को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाएंगे। वहीं वैष्णवजन 15 को ही श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाएंगे। इस दौरान पालनहार चांदी-माटी और काठ के पालने पर तो कहीं सुगंधित फूलों के हिंडोले पर झूलेंगे।

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