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सफलता के लिए परिश्रम की पराकाष्ठा, प्रमाणिकता व पारदर्शिता जरूरी : राज्यपाल

इलाहाबाद, 07 नवम्बर (हि.स.)। राज्यपाल एवं कुलाधिपति राम नाईक ने कहा कि शार्टकट में मत जाईये, शार्टकर्ट बहुत खतरनाक है। आपने जो भी सपना देखा है उसे साकार करने के लिए कड़ी स्पर्धा में जाना होगा। जीवन में सफल होने के लिए परिश्रम की पराकाष्ठा, प्रमाणिकता और पारदर्शिता जरूरी है। यह बातें राज्यपाल ने उ.प्र राजर्षि टण्डन मुक्त विवि के द्वादश दीक्षान्त समारोह में कही।

उन्होंने कहा कि यह दीक्षान्त समारोह सैद्धान्तिक शिक्षा की पूर्णता पर उनके लिये व्यावहाारिक शिक्षा प्राप्त करने का एक अवसर लेकर आया है। कहा कि सफलता का महामंत्र चरैवेति-चरैवेति। शिक्षार्थियों को जीवन में चलते रहना चाहिए, जो चलता है वही आगे बढ़ता है, जीवन में कभी भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। मेहनत करेंगे तो सफलता कदम चूमेंगी। 

उन्होंने कहा कि आज समाज तेजी से बदल रहा है। महिलायें शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। महिला सशक्तिकरण की दिशा में देश ने तरक्की की है। देश में इस बात पर चर्चा हो रही है कि लड़ाकू जहाज महिलाओं को देना चाहिए कि नहीं।
राज्यपाल ने कुलपति को बधाई देते हुए कहा कि वे भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजना के अन्तर्गत गांव को गोद लेकर उसे डिजिटल गांव बनाने के लिये प्रयत्नशील है।

भारतीय संस्कृति में शिक्षा का सर्वश्रेष्ठ स्थान है, शिक्षा धन सभी धनों में प्रधान है। मुक्त विवि ने केवल डिग्री ही नहीं वरन एक पहचान दी है, सूचना क्रान्ति के युग में बहुत आगे बढ़ना है। अपने लिए और परिवार के लिए नहीं बल्कि समाज और देश के लिए कार्य करते रहें।
उच्च न्यायालय इलाहाबाद के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दिलीप बाबा साहेब भोंसले ने ने कहा कि युवा केवल नौकरी को ही अपना लक्ष्य न माने, कुछ बनना है तो नौकरी की आवश्यकता नहीं। आज दुनिया में सब कुछ संभव है, जीवन लक्ष्य निर्धारित होना चाहिए। ऑनलाइन प्रोफेशन बहुत तेजी से प्रसिद्धि पा रहा है। उन्होंने युवाओं को प्रधानमंत्री का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर मन में दृढ़ संकल्प हो तो चाय बेचने के सफर से प्रधानमंत्री तक की कुर्सी पर पहुंचा जा सकता है। 

इस अवसर पर कुलाधिपति नाईक ने प्रसिद्ध संविधान वेत्ता पदम भूषण डा. सुभाष सी कश्यप, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ. धनंजय वाई चन्द्रचूड तथा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दिलीप बाबा साहेब भोंसले को विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टर ऑफ लॉज (एल.एल.डी) की मानद् उपाधि से विभूषित किया। 
विवि की प्रगति में राज्यपाल का बड़ा योगदान: सुभाष कश्यप

पद्मभूषण डा. सुभाष सी कश्यप ने कहा कि राजर्षि टण्डन मुक्त विवि ने आज चतुर्मुखी प्रगति की है। उन्होंने इसका श्रेय राज्यपाल नाईक को देते हुए कहा कि विवि की प्रगति में उनका बहुत बड़ा योगदान है। कहा मूल्यों के साथ समझौता करके जीवन में सच्चा सुख प्राप्त नहीं किया जा सकता। जबकि सत्ता और सफलता आज सर्वोच्च मूल्य बन गये हैं। 

इस अवसर पर सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति डा. डी.वाई चन्द्रचूड़ की अनुपस्थिति में राज्यपाल ने उन्हें एलएलडी की उपाधि प्रदान की और घोषणा की कि 15 दिनों के अंदर कुलपति प्रो. दुबे और वे स्वयं दिल्ली जाकर उन्हें यह उपाधि सौपेंगे।

कुलपति प्रो. एम.पी दुबे ने विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत करते हुए कहा कि नैतिक मूल्यों के विकास के उद्देश्य से कुलाधिपति श्री नाईक द्वारा लिखी पुस्तक चरैवेति-चरैवेति को पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जा रहा है जिससे सभी विद्यार्थी सच्चरित्रता, ईमानदारी, सत्यनिष्ठा, उत्तरदायित्व, कठिन परिश्रम, अथक प्रयास तथा कठिन से कठिन परिस्थिति में धैर्य एवं साहस की सीख ले सकें। 

राष्ट्रीय उत्थान एवं समाज के विकास के लिए शोध की महत्ता को देखते हुए विवि में अटल बिहारी बाजपेयी गुड गवर्नेन्स चेयर पं. दीनदयाल उपाध्याय दूरस्थ शिक्षा अनुसन्धान केन्द्र तथा जम्मू कश्मीर अध्ययन केन्द्र की स्थापना की गयी। कुलपति ने कहा कि छात्र केन्द्रित सुविधाओं का सुपरिणाम है कि केवल योग कार्यक्रम मेें दस हजार से ज्यादा शिक्षार्थियों ने इस सत्र में प्रवेश लिया है। 

समारोह में विभिन्न विद्याशाखाओं में सर्वाधिक अंक प्राप्त कर सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाले शिक्षार्थियों को 17 स्वर्ण पदक प्रदान किये गये एवं सत्र दिसम्बर 2016 तथा जून 2017 की परीक्षा में उत्तीर्ण लगभग 14,862 शिक्षार्थियों जिसमें 7753 पुरूष एवं 7109 महिला अभ्यर्थी शामिल हैं, उपाधि प्रदान की गयी। पी.एच.डी करने वाले तीस छात्रों को दीक्षान्त समारोह में शोध उपाधि प्रदान की गयी। समारोह का संचालन डा. रामजी मिश्रा ने किया। 

इस अवसर पर न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय, न्यायमूर्ति सुधीर नारायण, डा.अरविन्द दीक्षित, कुलपति, डा. बीआर अम्बेडकर विवि आगरा, प्रो.राजेन्द्र प्रसाद, कुलपति, इलाहाबाद राज्य विवि, अवध विवि फैजाबाद के पूर्व कुलपति प्रो.जी.सी.आर जायसवाल, वीर वहादुर सिंह पूर्वाचल विवि जौनपुर के पूर्व कुलपति प्रो.पीयूष रंजन अग्रवाल, प्रो.आर.पी मिश्रा, प्रो.ओम प्रकाश, मण्डलायुक्त आशीष गोयल, जिलाधिकारी सुहास एल.वाई, अपर पुलिस महानिदेशक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे। 

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