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साइबर सुरक्षा पर आइआइएसएसएम के साथ मिलकर कार्य करेगी सरकार: रविशंकर प्रसाद

नई दिल्ली, 24 नवंबर (हि.स.)। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ सिक्योरिटी एण्ड सेफ़्टी मैनेजमेंट (आइआइएसएसएम) के 27 वें वैश्विक सम्मेलन के दूसरे दिन के तृतीय सत्र में केंद्रीय कानून एवं न्याय और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद शामिल हुए। उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा पर केंद्र सरकार आइआइएसएसएम के साथ मिलकर कार्य करेगी। रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को सम्मेलन में डिजिटल इण्डिया की तरफ बढ़ते कदमों को साझा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार का डिजिटल इण्डिया पर कार्य करने के दूरगामी परिणाम देश को मिलेगा। उन्होंने कहा कि इसका सबसे ज्यादा लाभ देश के आम आदमी को मिलेगा और भ्रष्‍टाचार पर लगाम लगेगी। 

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि डिजिटलाइजेशन के जरिए देश को मजबूती के साथ भ्रष्टाचार पर पूरी तरह लगाम लगाई जा सकती है। डिजिटल भारत के जरिए रोजगार भी उत्पन्न करने के लिए हमें मूलभूत सुविधाओं का ध्यान रखना पड़ेगा। इसके लिए डिजिटिलाइजेशन का ढांचागत निर्माण करना पड़ेगा। आज हमने पंचायतों को फाइबर नेटवर्क से जोड़ा है। पूर्ववर्ती सरकारों के मुकाबले हमने 2 लाख किलोमीटर से ज्यादा फाइबर नेटवर्क का विस्तार किया है। 

आधार लिंक के मसले पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आज देश में 1 करोड़ 21 लाख मोबाइलधारक हैं| तीन करोड़ बैंक खाते हैं| इनको आधार से लिंक करने से देश के ग्रामीण भारत का कल्याण होगा। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के भाषण का उल्लेख करते हुए कहा कि राजीव ने कहा था कि दिल्ली से 1 रुपए भेजता हूं तो जनता के पास मात्र 15 पैसे पहुंचते हैं। लेकिन मोदी सरकार डिजिटलाइजेशन के जरिए उस पूरे एक रुपए को पहुंचाना सुनिश्चित कर रही है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आधार का लिंक करना सुरक्षा के लिहाज से अतिआवश्यक है| इसमें आपके फिंगर, आपका नाम और पिता जी का नाम और पता है मात्र। प्रसाद ने अपने आधार कार्ड को दिखाते हुए कहा कि ये मेरी पहचान है। आधार को लिंक करने से देश में आम आदमी को कोई परेशानी नहीं आएगी। लेकिन, भ्रष्‍टाचारियों को अवश्य दिक्कत होगी। आधार को जल्द ड्राइविंग लाइसेंस से भी लिंक किया जाएगा। इससे सड़क दुर्घटना से जुड़े अपराधों में कमी आएगी। आधार लिंक होने से बड़े स्तर के अपराधों में भी कमी आएगी क्योंकि आप नाम बदल सकते हो लेकिन अपने अंगुली के निशान नहीं। 

रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘सरकार डिजिटलाइजेशन के जरिए आगे बढ़ रही है। भारत सरकार ने ई-जाम के जरिए 32 करोड़ रुपए तो मात्र कचरा पात्र खरीदने में बचाए हैं। ई-वीजा के जरिए पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा मिला है। 130 करोड़ के देश में 121 करोड़ मोबाइल फोन होना अपने आप में बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि आज सोशल मीडिया के जरिए देश की जनता की समस्या हल हो रहीं है, यही तो डिजिटल इंडिया है। चंद सैकेंडों में आपकी बात सरकार तक पहुंचती है उसके लिए आपको दिल्ली आने की आवश्यकता नहीं है। सरकार आपके हाथ में हैं। पिछले तीन सालों में मोबाइल उद्योग में सरकार ने बड़ी सफलता अर्जित की है। भारत विश्व की सबसे बड़ी डिजिटल अर्थव्यवस्था आगामी समय में बन सकता है| सके साथ ही बड़े स्तर पर रोजगार भी उत्पन्न किया जा सकता है। इसमें हमें साइबर सुरक्षा पर कार्य करना पड़ेगा। साइबर सुरक्षा पर केंद्र सरकार आइआइएसएसएम के साथ मिलकर कार्य करेगी।’ 

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हमें साइबर सुरक्षा के साथ प्राइवेसी का भी ख्याल रखना पड़ेगा। मगर ये तो तय करना पड़ेगा कि आप निजता का अधिकार किसको मानते हो। अगर आप इंग्लैंड जाओगे तो उसके लिए टिकट तो ऑनलाइन ले लोगे लेकिन एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच से तो गुजरना ही पड़ेगा। अगर आपको इससे दिक्कत है तो क्या तैरकर इंग्लैंड जाओगे। राष्ट्र की सुरक्षा के लिए आपको प्राइवेसी को समझना पड़ेगा।

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