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सिगरेट और गुटखा के शौकीन लोगों के लिए जरूरी खबर, छिनने वाली है आपकी चैन

पटना, सनाउल हक़ चंचल-

शराब की दुकानों की तरह सिगरेट और तंबाकू उत्पाद के लिए बिल्कुल अलग दुकानें होंगी. इन दुकानों में सिर्फ तंबाकू वाले सामान मिलेंगे. दुकानें लाइसेंसी होंगी. दुकानदारों को सरकार या उसकी एजेंसी से लाइसेंस लेना होगा. ये दुकानदार, अपनी दुकान में दूसरा सामान नहीं बेचेंगे.

अभी अंडा, चाय वाले से लेकर जनरल या किराना स्टोर चलाने वाले भी सिगरेट और गुटखा बेच रहे हैं. केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से, तंबाकू उत्पाद की अलग दुकानों का इंतजाम करने को कहा है. इस बारे में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव अरुण कुमार झा ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को 21 सितंबर 2017 को पत्र भेजा है. राज्यों से तंबाकू उत्पाद के खुदरा विक्रेताओं के लिए लाइसेंस का प्रावधान करने को कहा गया है. लाइसेंस स्थानीय निकाय के माध्यम से दिए जाएंगे.

अभी सिर्फ हिमाचल में तंबाकू उत्पादों की अलग दुकानें हैं. राज्य विधानसभा ने इस बारे में 2016 में विधेयक पारित किया है. इधर बिहार के 13 जिले धूम्रपान मुक्त घोषित हैं. पर सार्वजनिक स्थानों पर धुएं उड़ रहे हैं.

मालूम हो कि कोटपा 2003 के तहत सजा का प्रावधान भी है. इसके साथ ही जुर्माना की व्यवस्था है. लेकिन इन सभी मामलों में कार्रवाई धीमी है. धूम्रपान रहित क्षेत्र, तंबाकू जानलेवा है, लिखे बोर्ड, पटना में भी उतना नहीं दिखते जितने जरूरी हैं.

ऐसा कानून है कि 30 कमरों से ज्यादा के होटल में डेडिकेटेड स्मोकिंग जोन रहना है. पर पटना में भी एकाध को छोड़ ऐसा नहीं है.  इसके साथ ही टॉप कैंसर पीड़ित राज्यों में बिहार तीसरे स्थान पर है. फिर भी कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं होता है.

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