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सिर्फ निपाह ही नहीं ये वायरस भी हैं इंसान के लिए खतरनाक

नई दिल्‍ली (ईएमएस)। केरल के कोझीकोड में खतरनाक निपाह वायरस से अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है। इसकी वजह से देश के दूसरे राज्‍यों में भी दहशत का माहौल है। अभी कुछ ही दिन बीते हैं, जब बिहार में एक अंजान बीमारी की चपेट में काफी लोग आ गए थे। यह बीमारी कौन सी थी, इसकी जानकारी से डॉक्‍टर भी अनभिज्ञ थे। केरल की ही यदि बात करें, तो यहां इसके करीब 25 मामले सामने आए हैं। सरकार इस पर नजर बनाए हुए है। बता दें कि यह पहला ऐसा वायरस नहीं है, जो जानवरों और पक्षियों की वजह से फैलता है। बीते कुछ वर्षों में इस तरह के कई वायरस सामने आए, जो इसी तरह से फैलते हैं। इनकी वजह से देश और दुनिया में कई लोगों की जान तक चली गई।

निपाह:-

इस वायरस से बचाव का तरीका सिर्फ इतना ही है कि चमगादड़ और सूअरों के संपर्क में आने से बचा जाए। इसके अलावा इससे संक्रमित होने वाले रोगी से भी बचाव इसका एक मात्र उपाय है। यह वायरस चिडि़या या चमगादड़ के खाए फलों से फैलता है। यह भारत में दस्‍तक दे चुका है।

बर्ड फ्लू:-

बर्ड फ्लू के कुछ वायरस भी खतरनाक होते हैं। इंसान के इनकी चपेट में आने पर उसकी मौत की आंशका करीब 70 फीसदी तक होती है। यह चिकन के जरिए फैल सकता है। इसके अलावा लास्सा, जूनिन, क्रिमिआ-कॉन्गो, वायर, मैचुपो और किसनुर फॉरेस्ट वायरस की गिनती भी टॉप-10 खतरनाक वायरसों में होती है। इसके अलावा एच-5 एन-1 वायरस से संक्रमित होने का खतरा सबसे कम होता है।

एच-1एन-1:-

इस वायरस से होने वाले स्वाइन फ्लू से भारत में 2017 में दो हजार से अधिक मौतें हुई थीं। देशभर में इसी साल 38 हजार से अधिक स्वाइन फ्लू के मामले सामने आए हैं।

डेंगू:-

पिछले कुछ वर्षों में देशभर में डेंगू के मामले बढ़े हैं। भारत में पिछले साल 15 अक्टूबर तक डेंगू से 150 से अधिक मौतें हुई थीं। इसका खतरा देश में लगातार बना हुआ है। यह मच्छरों के काटने पर शरीर में प्रवेश करता है। इसकी वजह से हर वर्ष दुनिया में करीब दस करोड़ लोग बीमार होते हैं।

मारबर्ग:-

मारबर्ग वायरस सबसे खतरनाक वायरस में से एक है। इससे संक्रमित होने पर रक्त स्राव वाला बुखार होता है। इबोला की तरह इससे शरीर अकड़ जाता है और शरीर के कई हिस्सों से खून बहना शुरू हो सकता है।

इबोला:-

इबोला पांच तरह का होता है। इन पांचों के नाम अफ्रीकी देशों या क्षेत्रों के नाम पर रखे गए हैं। इसके पांच अलग-अगल प्रकारों को जैरे, सूडान, ताई फॉरेस्ट, बुंदिबुग्यो और रेस्टन के नाम से जाना जाता है। इसमें जैरे इबोला वायरस सबसे खतरनाक है। इसकी चपेट में आने वाले इंसान की मौत की आशंका 90 फीसदी तक होती है। इसकी शुरुआत गिनिया, सिएरा लिओन और लाइबेरिया से हुई थी। इसके बाद धीरे-धीरे यह दुनिया के दूसरे देशों में भी पैर पसार रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि फ्लाइंग फॉक्स के जरिए ये वायरस शहरों तक पहुंच रहा है।

हंता:-

हंता वायरस भी खतरनाक वायरस की श्रेणी में गिना जाता है। इससे फेफड़ों की बीमारी, बुखार और किडनी तक फेल हो सकती है। कोरियाई युद्ध के दौरान काफी तादाद में अमेरिकी सैनिक इसकी चपेट में आ गए थे।

किसनुर फॉरेस्ट:-

जनवरी 2016 में किसनुर फॉरेस्ट वायरस से महाराष्ट्र में लोगों के संक्रमित होने की खबर आई थी। अब तक इसकी चपेट में 332 लोग आ चुके हैं। इनमें से 19 की मौत हो गई है।

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