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कोरोना की लड़ाई में केंद्र-राज्य संघर्ष चिंताजनक: संजय राऊत

मुंबई। शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत ने कहा कि कोरोना की इस लड़ाई मे केंद्र व राज्य के बीच संघर्ष चिंताजनक है। यह समय कंधे से कंधा मिलाकर चलने का है लेकिन केंद्र सरकार कुछ सरकारों के प्रति जिस तरीके से व्यवहार कर रही है, वह खेदजनक है।

संजय राऊत ने सोमवार को मुंबई में पत्रकारों को बताया कि कोरोना की वजह से पूरा देश परेशान है। सभी राज्यों के मुख्यमंत्री अपने-अपने राज्यों में कोरोना की लड़ाई अपने स्तर पर लड़ रहे हैं। लेकिन मध्य प्रदेश में कोरोना की इसी लड़ाई के बीच सरकार गिरी और नई सरकार अस्तित्व में आई। इस समय मध्य प्रदेश में सरकार का गठन ही नहीं हो सका है। स्वास्थ्य मंत्री ही नहीं है। कोरोना पीडि़तों के लिए निर्णय लेने में देरी हो रही है।

संजय राऊत ने कहा कि कोरोना की लड़ाई लडऩे के लिए दिल्ली, महाराष्ट्र औश्र पश्चिम बंगाल की सरकार अच्छा काम कर रही है। लेकिन केंद्र सरकार की ओर से इन राज्यों का मनोबल तोडऩे का काम किया जा रहा है। महाराष्ट्र में विपक्ष तथा केंद्र सरकार पूरी तरह सरकार का पैर खींचने का काम कर रही है।

संजय राऊत ने कहा कि राज्यपाल राज्य के प्रमुख होते हैं। वह किसी भी स्तर पर केंद्र सरकार के नौकर नहीं रहते लेकिन महाराष्ट्र के राज्यपाल राज्य सरकार की ओर से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को विधानपरिषद सदस्य किए जाने की फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं। यह फाइल भ्रष्टाचार की फाइल नहीं है। राऊत ने आरोप लगाया कि राज्यपाल राजनीति की वजह से इस फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं। इससे कोरोना की इस लड़ाई लड़ रहे राज्य के मुख्यमंत्री का मनोबल गिर सकता है। यह रेयरेस्ट आफ रेयर केस है।

राऊत ने कहा कि राज्यपाल राज्य का प्रमुख हैं और उन्हें राज्य की जनता के हित को ध्यान में रखते हुए इस तरह की लड़ाई से दूर हो जाना चाहिए। राऊत ने विपक्ष पर भी कोरोना के इस संकट में राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को इस समय पक्षीय राजनीति की बजाय कोरोना का उच्चाटन पर ध्यान देना चाहिए। (एजेंसी, हि.स.)

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