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वित्तीय नुकसान के बावजूद खिलाड़ियों की फीस में कटौती नहीं करेगा बीसीसीआई

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीआई) वित्तीय नुकसान के बावजूद खिलाड़ियों की फीस में कटौती नहीं करेगा। बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने शुक्रवार को कहा कि नुकसान की भरपाई अन्य खर्चों से करने की कोशिश की जाएगी।

बता दें कि कोरोनावायरस महामारी के कारण इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है। हाल ही में धूमल ने कहा था कि आईपीएल यदि रद्द होता है, तो बोर्ड को करीब 4 हजार करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान होगा।

धूमल ने कहा, ‘‘हम अभी वेतन कटौती पर चर्चा नहीं कर रहे हैं। हम उम्मीद कर रहे हैं कि वित्तीय संकट के बावजूद हम इस पर काबू पा सकेंगे। लेकिन हां आईपीएल के तौर पर बीसीसीआई को बड़ा नुकसान हो सकता है। जब भी इस तरह की कोई परिस्थिति बनती है, तो हम इस बारे में (वेतन कटौती) सोचने लगते हैं, लेकिन यह एक आखिरी रास्ता होता है। फिलहाल, हम इस रास्ते पर जाने की बजाय इसे दूसरे खर्चों से मैनेज करने की सोच रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि हम जो कुछ भी खर्च कर सकते हैं या जो भी बचत कर सकते हैं, हम उसी पर काम कर रहे हैं। यह एक सतत प्रक्रिया है और यह केवल महामारी से पहले शुरू हुई है। हालांकि कर्मचारियों और अधिकारियों के खर्चे में कटौती के बारे में विचार किया जा रहा है। इस प्रक्रिया को लेकर काम भी शुरू कर दिया गया है। जहां भी खर्चे में कटौती की गुंजाइश होगी, चाहे यात्रा को लेकर, आवास हो या कर्मचारियों को लेकर हो, सभी पर ध्यान दिया जा रहा है।

लॉकडाउन के बाद क्रिकेट को लेकर धूमल ने कहा कि निश्चित तौर पर हम इस दिशा में काम कर रहे हैं। फिलहाल, लॉकडाउन को देखते हुए कोचिंग और सपोर्ट स्टॉफ शारीरिक फिटनेस को लेकर जो कुछ कर सकते हैं, वे कर रहे हैं। आगे यदि लॉकडाउन में कुछ छूट मिलती है, तो हम क्रिकेट को पटरी पर लाने के लिए प्लान के बारे में सोचेंगे। यदि यात्रा प्रतिबंध हटता है, तो बहुत कुछ हो सकता है। यदि यह भी संभव नहीं हुआ तो हम खिलाड़ियों को किसी एक अच्छे स्टेडियम में ट्रेनिंग की सुविधा उपलब्ध करा सकें, इस पर भी विचार कर रहे हैं। (एजेंसी, हि.स.)

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