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दिल्ली, मुम्बई से लखनऊ पहुंचे 1064 लोगों को उप्र रोडवेज ने बसों से घरों तक पहुंचाया

लखनऊ । कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लागू किए गए लॉकडाउन में दिल्ली और मुम्बई जैसे महानगरों में उत्तर प्रदेश के हजारों लोग फंसे हैं। तमाम लोग पैदल ही अपने गृह प्रदेश की ओर चल पड़े हैं। केंद्र सरकार ने भी ऐसे लोगों की मदद करने के निर्देश राज्य सरकारों को दिए हैं। इसी क्रम में किसी तरह लखनऊ पहुंचे 1064 लोगों को उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने जिला प्रशासन की अनुमति पर 21 बसों से उनको उनके घरों तक आनन-फानन पहुंचाया।

क्षेत्रीय प्रबन्धन पल्लव बोस ने शनिवार को बताया कि दिल्ली और मुम्बई जैसे महानगरों से आये लोगों को लखनऊ के कैसरबाग और चारबाग बस अड्डे से 21 साधारण और जनरथ बसों से प्रदेश के 09 जनपदों में उनके घरों तक पहुंचाया। इनमें सबसे अधिक 522 यात्री गोरखपुर के थे। इसके अलावा बहराइच के 188, गोण्डा व बलरामपुर के 97, सुलतानपुर और वाराणसी के 52, प्रयागराज के 46, प्रतापगढ़ के 60 और बलिया के 99 यात्री शामिल हैं। इन यात्रियों में अधिकांश मजदूरी करने वाले पुरुषों के साथ महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।

रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के कैसरबाग शाखाध्यक्ष रजनीश मिश्रा ने बताया कि बस परिचालक नहीं होने की वजह से इन यात्रियों के टिकट काउंटर से काटे गये हैं। यात्रियों को कतार में खड़े करके उनके हाथों को सेनेटाइज करने के बाद बसों में बैठाया गया। उन्होंने बताया कि दिल्ली और मुम्बई जैसे बड़े शहरों से आये सैकड़ों मजदूर अभी भी लखनऊ के आसपास के क्षेत्रों में ठहरे हुए हैं। ये लोग धीरे-धीरे बस अड्डे पहुंच रहे हैं।

गौरतलब है कि 21 दिन के लॉकडाउन में दिल्ली और मुम्बई जैसे महानगरों में काम करने वाले उत्तर प्रदेश के मजदूरों की रोजी रोटी छिन गई है। इसलिए मजदूर किसी भी तरीके से अपने प्रदेश को भाग रहे हैं।

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