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झारखंड के उलेमाओं ने किया सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत

रांची । राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का देशभर के मुसलमानों ने स्वागत किया है। झारखण्ड के उलेमाओं ने भी इस ऐतिहासिक फैसले का खैरमक़दम किया।

इदारा ए शरिया झारखण्ड के अध्यक्ष ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राम मंदिर-बाबरी मस्जिद के दशकों से चले आ रहे विवाद पर पूर्ण विराम लग गया । इसके साथ ही इस मुद्दे पर होने वाली सभी तरह की राजनीति का भी खात्मा हो गया है। अयोध्या में राम मंदिर भी बनेगी और मस्जिद भी बनेगी।

मौलाना ने कहा कि भारत के मुसलमानों ने यह तय किया था कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, उसे हम तसलीम करेंगे। आज हम इस फैसले का खुले दिल से स्वागत करते हैं। हिन्दुस्तान का अवाम चाहे वो जिस मज़हब से ताल्लुक रखता हो, देश में अमन चैन और आपसी भाईचारा चाहता है। ऐसे में यह फैसला वाकई देशवासियों के हित में है, जिसका हम सभी को स्वागत करना चाहिए ।

मौलाना ने यह भी कहा कि हालांकि इस फैसले के बाद भी गुंजाइश बचती है कि कोई भी पार्टी दोबारा अपील में जा सकता हैं लेकिन मैं यह मानता हूं कि इस मसले को इसी फैसले के साथ अब खत्म कर देना चाहिए और देश में कौमी एकज़हती, भाई चारा का माहौल बहाल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को इस बात की तसल्ली हुई है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि वहा मंदिर तोड़कर मस्जिद नहीं बनाई गयी थी । बहरहाल कोर्ट का फैसला दोनों पक्षों के हित को देखते हुए मुल्क में अमन की सलामती और गंगा-जमुनी तहज़ीब को क़ायम रखने वाला माना जा रहा है ।

बाबा रिसालदार शाह मजार कमेटी के मेंबर अकील उर रहमान ने इस फैसले का स्वागत करते हुए लाेगों से अमन की अपील की और कहा कि किसी भी हाल में देश और झारखण्ड में शांति भंग न हो। हम सभी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना संवैधानिक जिम्मेवारी है।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर अब अमल होगा और एक बार फिर तहज़ीबी शहर अयोध्या में जहां मंदिर के घंटों और मंत्रोच्चारण की गूंज सुनाई देगी वहीं दूसरी तरफ अज़ान की आवाज़ भी । भारत की एकता और अखंडता को बहाल करने में एक बार फिर से पुरुषोत्तम श्रीराम की उपस्थिति काफी अहम साबित होगी ।

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