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अखिलेश मेरा बेटा हैं, उसे जो करना है करने दो- मुलायम सिंह

नई दिल्ली/लखनऊ 08 जनवरी =   समाजवादी पार्टी (सपा) के दोनों गुटों का एक दूसरे पर सियासी हमला जारी है। हालांकि बीच-बीच में कुछ ऐसे बयान भी आ रहे हैं, जिनको लेकर कार्यकर्ता असमंजस में पड़ जाते हैं। मुलायम सिंह यादव ने रविवार को दिल्ली स्थित अपने आवास पर कार्यकर्ताओं से कहा कि अखिलेश मेरा बेटा है, जो कर रहा है, करने दो। उन्होंने कहा कि अब अखिलेश के पास सब कुछ है। समाजवादी पार्टी अब पूरी तरह उसी की हो गयी है। उन्होंने कहा कि मेरे पास सिर्फ गिने हुए विधायक हैं, जबकि अखिलेश को समाजवादी पार्टी के ज्यादातर विधायकों का समर्थन मिला हुआ है।

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मुलायम ने कहा कि आप लोग समझ लीजिए कि पार्टी में कोई विवाद नहीं है। सब विवाद जल्द खत्म हो जाएंगे। मेरी बात हो गई है। पार्टी में कोई विवाद नहीं है। इसके बाद अमर सिंह मुलायम के पास पहुंचे। इस दौरान मुलायम ने अमर और शिवपाल की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि शिवपाल ने बहुत अच्छा काम किया है। आप सभी जाओ और चुनाव की तैयारी करो। साइकिल के चिन्ह पर ही चुनाव लड़ा जाएगा। मुलायम का यह बयान तब सामने आया है, जब सोमवार को उनकी ओर से चुनाव आयोग में हलफनामा दिए जाने की चर्चायें हैं।
एमएलसी सुनील के ट्वीट ने नई अटकलों को दिया जन्म

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उधर अखिलेश खेमें के विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह यादव ने भी ट्वीट करके कहा, ‘पिता पुत्र के रिश्तों के बीच आने वाले लोगों का अन्त आखिरकार किनारा ही होता है।’ ऐसे में इन बयानों के मतलब निकाले जाने लगे हैं और सियासी फिजाओं में फिर इस परिवार को लेकर नई चर्चाओं ने जन्म ले लिया है। सुनील इससे पहले ‘नेता जी के आशीर्वाद से अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी (समाजवादी आंदोलन) पूरे देश में मजबूत होगी’ टवीट कर चुके हैं। इसके अलावा वह, ‘जहां खड़े होंगे अखिलेश वहीं से होगा श्री गणेश !’ जैसे ट्वीट के जरिए भी चर्चाओं में रहे थे। अब जिस तरह से उन्होंने पिता पुत्र के बीच आने वालों पर निशाना साधा है और उनके किनारे होने का दावा किया है, उससे इस विवाद में नया मोड़ आने की सम्भावनाएं लग रही हैं।

इससे पहले दोनों पक्षों के बीच कुछ दिनों पहले सुलह होने की सम्भावना जतायी जा रही थी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से स्वयं अपने पिता मुलायम सिंह यादव को लखनऊ एयरपोर्ट पर रिसीव करने की बात कही गई, लेकिन मुलायम सिंह यादव के साथ अमर सिंह के भी मौजूद होने के कारण मामला उलझ गया और बात बनते-बनते रह गई।

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