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कागजी कार्रवाई पूरा न होने के चलते पुनः जेल भेजे गए बांग्लादेश घुसपैठिए.

सिलचर, 09 जनवरी =  असम के बराकघाटी के सिलचर डिटेंशन कैंप में वर्ष 2014 से बंद 17 अवैध घुसपैठियों को सोमवार को करीमगंज जिले के अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लाया गया। सभी घुसपैठियों को बार्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) को सौंपने की औपचारिकताएं की जा रही थीं। इस दौरान, कागजी कार्रवाई पूरा न होने के चलते ऐन मौके पर अवैध नागरिकों को बीजीबी को सौंपने की प्रक्रिया रुक गई। जिसके चलते सभी को पुनः सिलचर जेल भेज दिया गया। सूत्रों ने बताया कि विदेश मंत्रालय कागजी कार्रवाई को पूरा करने में जुटा हुआ है। सूत्रों ने बताया कि कुछ दिनों के बाद चिन्हित सभी घुसपैठियों को बांग्लादेश भेज दिया जाएगा।

करीमगंज जिला प्रशासन सिलचर डिटेंशन कैंप से सभी घुसपैठियों को लेकर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पहुंच गया था, जहां से बीजीबी कुशियारा नदी के रास्ते बांग्लादेश ले जाने में की तैयारी कर रहा था। 17 अवैध नागरिकों में दो महिलाएं भी शामिल हैं। ज्ञात हो कि नागरिकों को भेजने की कार्रवाई बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश की सहमति-पत्र मिलने के बाद करीमगंज जिला प्रशासन ने शुरू की थी।

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बांग्लादेश को वापस भेजे जाने वाले बांग्लदेशी नागरिकों में अब्दुल करीम, रफिकुद्दीन, किव ओसमान, रियाजुद्दीन, अब्दुल करीम, अनिसुर रहमान, इशाखा उर्फ नासिरुद्दीन, बाबुल मुल्ला, लालचंद्र मियां, भगवती ग्वाला, मो दास, राहुल दास, ताफुर मियां, शाजहान, पंख मिया व सुहाग हुसैन शामिल हैं।

उपरोक्त सभी ने भारत में अवैध रूप से प्रवेश किया था। इन सभी को पहले तीन महीने जेल में रखा गया, बाद में उन्हें सिलचर डिटेंशन कैंप में रखा गया। इससे पहले भी गत नवम्बर माह में 11 अवैध नागरिकों को बांग्लादेश को सौंपा गया था। राज्य के अन्य कई डिटेंशन कैंपों में बांग्लादेशी नागरिक बंद हैं, जिन्हें बांग्लादेश को सौंपा जाना है, लेकिन इसको लेकर अभी कानूनी कार्रवाई चल रही है।

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