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निजी अस्पताल में नहीं मिला कैशलेस इलाज, बुजुर्ग दंपत्ति को डाक्टर ने बाहर निकाला

कानपुर, 03 जनवरी =  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जहां एक तरफ कैशलेस को बढ़ावा देने के लिए तरह-तरह के प्रलोभन दे रहे है लेकिन हकीकत इसके विपरीत है। मंगलवार की सुबह अपनी पत्नी के दांतों के इलाज के लिए निजी अस्पताल पहुंचे डिफेन्स कर्मी को धक्के खाने पड़े और अस्पताल प्रशासन ने बुजुर्ग दम्पत्ति को बाहर निकाल दिया।

जूही निवासी 80 वर्षीय नरेश चन्द्र शुक्ला पूर्व डिफ्रेंस कर्मी है। वह अपनी 75 वर्षीय पत्नी सरोज के साथ मंगलवार सुबह टाटमिल स्थित कृष्णा हास्पिटल पहुंचे और सीजीएचएस द्वारा जारी रिपोर्ट देते हुए डॉक्टरों को बताया कि दोनों के दांतों में कई दिनों से दर्द हो रहा है। इस लिए वह अपने दांतों का डैक्चर कराना चाहते है। डॉक्टरों ने उनसे काउंटर पर पैसा जमा करने को कहा।

तभी श्री शुक्ला ने चेक द्वारा भुगतान किये जाने की बात कही। जैसे ही नरेश शुक्ला ने चेक की बात कही तो डॉक्टरों ने हाथ खड़े करते हुए कहा कि जब तक चेक बैंक से पास नहीं होती है। तब तक इलाज नहीं किया जा सकेगा। डॉक्टरों की बात सुनने ही श्री शुक्ला भड़क गए और वहां पर प्रधानमंत्री के कैशलेस का हवाला देते हुए हंगामा शुरू कर दिया। मामले को तूल पकड़ते देख डॉक्टरों ने उन्हें वहां से भगा दिया। पीड़ित के पुत्र अरविन्द ने बताया कि उनके माता-पिता के बीते कई दिनों से दांतों में दर्द हो रहा था। दोनों ही लोगों ने सेना के अस्पताल में चेकअप कराया तो वहां मौजूद डॉक्टरों ने डैक्टर बीमारी बताते हुए बाहर से इलाज करने की सलाह दी जिसके बाद वह दोनों लोग कृष्णा हास्पिटल गये थे। यहां पर बिना कैश जमा किये इलाज न करने की बात डॉक्टरों ने कही।

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