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पालघर में जैन परिवार ने अपने माँ की आंखे की दान.

पालघर में जैन परिवार ने अपने माँ तपस्वनी कंकुबेन कारूलाल जैन उम्र करीव 72 साल की  आंखे की दान.पालघर में बड़ी संख्या में जैन समाज रहता है जिनकी अपनी एक पहचान है . सोमवार को जैन समाज के कारूलाल जैन की पत्नी तपस्वनी कंकुबेन कारूलाल जैन की अचानक मौत हो गयी जिसके बाद उनके परिवार ने उनकी आँखे यह कहते हुए दान कर दिया की उसे नष्ट करने के वजाय उनकी आँखे किसी अंधे को क्यू ना दे दिया जाय ताकि उनकी आँखों से वह दुनिया देख सके .जिसके बाद सोमवार रात को ही पालघर में  ब्लड डोनेशन और आंख डोनेशन के लिए मशहुर डॉ .राजेन्द्र चव्हान और आंख के डॉ .आनंद कुरुड़कर को बुला कर उनकी आँखे दान कर दिया . उस समय उनके घर जमा हुए उनके रिश्तेदारों और अन्य लोगो की भीड़ ने इस दान की काफी सराहना करते हुए आने वाले समय में इसी प्रकार  अपने -अपने परिवार के लोगो की आंखे दान करने इच्छा जताई है .जिसके बाद मंगल वार सुबह को उनका अंतिम संस्कार करदिया गया .

 तपस्वनी के नाम से जानी जाती थी कंकुबेन कारूलाल जैन.

   कंकुबेन कारूलाल जैन ने अपने जीवन काल में जैन धर्म की हर कड़ी से कड़ी तपस्या को किया था और उन तपस्याओ के साथ -साथ जैन धर्म की एक तपस्या एक दिन छोड़ कर एक दिन भोजन करने वाली तपस्या कर रही थी . जिसके कारण उन्हें पालघर जैन समाज व उनके रिश्तेदारों में उन्हें एक तपस्वनी के रूप में जाना जाता था .

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